एक बेलनाकार पात्र आंशिक रूप से जल से भरा हुआ है। इसे इसकी ऊध्र्वाधर केन्द्रीय अक्ष के परित: घुमाया जाता है। जल की सतह
समान रूप से उठेगी
किनारों पर उठ जायेगी
बीच में उठ जायेगी
समान रूप से गिरेगी
कोई कण त्रिज्या $R$ के वत्त की परिधि के अनुदिश किसी छद्म केन्द्रीय बल $F$, जो $R ^{3}$ के व्युत्क्रमानुपाती है, के अधीन समान चाल से गतिमान है। इसकी परिक्रमा का आवर्तकाल होगा।
यदि एक कण नियत चाल से $R$ त्रिज्या के वृत्त पर अर्धवृत्त के बराबर दूरी तय करता है तब
एक पहिया $9.5$ किलोमीटर की दूरी तय करने में $2000$ चक्कर लगाता है। पहिए का व्यास है
वृत्तीय गति करते हुये कण का अभिकेन्द्रीय त्वरण होता है
यदि एक कण वृत्तीय पथ पर इस प्रकार गति कर रहा है कि यह समान समय में समान कोण अंतरित करता है, तो इसका वेग सदिश