धातु का बना एक ठोस गोला एक समांगी (Uniform) विद्युत क्षेत्र में रखा हुआ है। चित्र में दिखाई गई रेखाओं में से सही बल रेखा है
$1$
$2$
$3$
$4$
चित्रानुसार एक अनंत लंवाई के एकसमान आवेशित सीधे तार, जिसका रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ है, को $y-z$ तल में $y$-अक्ष के समांतर $z=\frac{\sqrt{3}}{2} a$ दूरी पर रखा गया है। यदि इसके विधुत क्षेत्र का $x-y$ तल में स्थित मूल विंदु पर केन्द्रित $A B C D$ आयताकार सतह से होकर जाने वाला फ्लक्स ( $\varepsilon_0=$ परावैद्युतांक का परिमाण) $\frac{\lambda L }{ n \varepsilon_0}$ है. तब $n$ का मान है।
प्रदर्शित चित्र में $\mathrm{C}_1$ तथा $\mathrm{C}_2$ दो खोखले संकेन्द्रीय घन है जिनके अन्दर क्रमशः $2 Q$ व $3 Q$ आवेश स्थित है। $\mathrm{C}_1$ व $\mathrm{C}_2$ से गुजरने वाले वैद्युत फ्लक्स का अनुपात है :
निम्न चित्र में आवेश वितरण प्रदर्शित है। इन आवेशों के कारण पृष्ठ $S$ से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स है
चित्र में दर्शाए अनुसार $10 \,cm$ भुजा के किसी वर्ग के केंद्र से ठीक $5\, cm$ ऊँचाई पर कोई $+10 \mu C$ आवेश रखा है। इस वर्ग से गुजरने वाले वैध्यूत फ्लक्स का परिमाण क्या है? (संकेत : वर्ग को $10 \,cm$ किनारे के किसी घन का एक फलक मानिए।)
$1$ मिलीमीटर त्रिज्या के सीधे लम्बे तार पर एकसमान आवेश वितरित है। तार पर प्रति सेमी. लम्बाई आवेश $Q$ कूलॉम है। अन्य बेलनाकार पृष्ठ जिसकी त्रिज्या $50$ सेमी. तथा लम्बाई $1$ मीटर है चित्रानुसार सममिति रूप से तार को घेरता है। बेलनाकार पृष्ठ से गुजरने वाला कुल विद्युत फ्लक्स है