जड़ें अपस्थानिक तब होती हैं जब वह
फूली हुई होती हैं
दलदली स्थानों में उगती हैं
प्रांकुर से निकलती हैं
संग्रह के लिए रूपांतरित होती हैं
सूर्यमुखी के मुण्डक में पुष्पक (छोटे अवृन्त पुष्प) व्यवस्थित होते हैं
एक जड़रहित आवृतबीजी है
संतुलित जड़ें किसमें पायी जाती हैं
बल्ब (शल्ककंद) के समान एक भूमिगत तने से उत्पन्न होने वाली पत्तियाँ मूलपर्ण कहलाती हैं। तने की शाखाओं की पर्णसंधियों से उत्पन्न पत्तियाँ कहलाती हैं
गायनोबेसिक स्टाइल (जायंगाधिकारिक) किसमें पायी जाती है