द्रव्यमान $5\,kg$ की वस्तु धरातल से उर्ध्वाधर ऊपर की तरफ फेंकी जाती है। वायु प्रतिरोध सम्पूर्ण गति के दौरान एक नियत मंदन बल $10\,N$ लगाता है। ऊपर जाने का समय और नीचे आने का समय का अनुपात होगा- $\left[ g =10\,ms ^{-2}\right]$
$1: 1$
$\sqrt{2}: \sqrt{3}$
$\sqrt{3}: \sqrt{2}$
$2: 3$
एक वस्तु पर उत्तर-पूर्व दिशा में बल आरोपित किया जाता है। इसको संतुलित करने के लिये दूसरे बल की दिशा होनी चाहिये
चित्रानुसार एक फ्रेम पर विचार कीजिए जो दो द्रव्यमानहीन और पतली छड़ों $AB$ और $AC$ से निर्मित है। इस फ्रेम के बिन्दु $A$ पर $100\; N$ परिमाण का कोई ऊर्ध्व बल $\overrightarrow{ P }$ आरोपित किया गया है।
माना कि बल $\overrightarrow{ P }$ को फ्रेम की भुजा $AB$ और $AC$ के समांतर वियोजित किया गया है। भुजा $AC$ के अनुदिश वियोजित घटक का परिमाण $xN$ है।
यहाँ $x$ का मान निकटतम पूर्णांक में $\dots$ होगा।
[दिया है : $\sin \left(35^{\circ}\right)=0.573, \cos \left(35^{\circ}\right)=0.819$ $\sin \left(110^{\circ}\right)=0.939, \cos \left(110^{\circ}\right)=-0.342$ ]
$0.05 \,kg$ संहति का कोई कंकड़ ऊर्ध्वाधर ऊपर फेंका गया है। नीचे दी गई प्रत्येक परिस्थिति में कंकड़ पर लग रहे नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिए :
$(a)$ उपरिमुखी गति के समय।
$(b)$ अधोमुखी गति के समय ।
$(c)$ उच्चतम बिंदु पर जहाँ क्षण भर के लिए यह विराम में रहता है। यदि कंकड़ को क्षैतिज दिशा से $45^{\circ}$ कोण पर फेंका जाए, तो क्या आपके उत्तर में कोई परिवर्तन होगा ? वायु-प्रतिरोध को उपेक्षणीय मानिए।
एक पतली चिकनी क्षैतिज छड़ पर कई $(n)$ सर्वसम मणिकायें (बीड) पिरोई गई हैं जो छड़ पर अनियमित तथा विराम अवस्था में हैं। प्रत्येक बीड का द्रव्यमान $m$ तथा त्रिज्या $r$ है और छड़ की लंबाई $L$ है $(L>r)$ । यह छड़ दो टेकों (आधारों) पर, आरेख में दर्शाये गये अनुसार टिकी है। यदि एक बीड को $v$ वेग प्रदान किया जाय तो, एक लम्बे समय के पश्चात् प्रत्येक टेक (आधार) पर लगने वाले औसत बल का मान होगा (यदि सभी टक्करें प्रत्यास्थ हैं) :
जब कोई वस्तु स्थिर होती है तब