डाईएजोनियम लवण निम्न प्रकार से विघटित होता है
${C_6}{H_5}N_2^ + C{l^ - } \to {C_6}{H_5}Cl + {N_2}$
${0\,^o}C$ ताप पर लवण की प्रारम्भिक सान्द्रता को दुगना कर देने पर ${N_2}$ का निष्कासन दुगना हो जाता है। अत: यह अभिक्रिया है
प्रथम कोटि अभिक्रिया
द्वितीय कोटि अभिक्रिया
लवण के प्रारम्भिक सान्द्रता से स्वतन्त्र
शून्य कोटि अभिक्रिया का
क्लोरीन परमाणुओं की उपस्थिति में, ओजोन की ऑक्सीजन परमाणुओं से अभिक्रिया निम्नलिखित द्विपदीय प्रक्रम द्वारा होती है।
${O_3}(g)\, + \,C{l^ * }(g)\, \to \,{O_2}(g) + Cl{O^ * }(g)$ ..... $(i)$ $[{K_i} = 5.2 \times {10^9}\,\,L\,mo{l^{ - 1}}\,{s^{ - 1}}]$
$Cl{O^ * }(g) + {O^ * }(g)\, \to \,{O_2}(g) + \,C{l^ * }(g)$ ..... $(ii)$ $[{K_{ii}} = 2.6 \times {10^{10}}\,\,L\,mo{l^{ - 1}}\,{s^{ - 1}}]$
कुल अभिक्रिया $O _{3}( g )+ O ^{\bullet}( g ) \rightarrow 2 O _{2}( g )$ का निकटतम वेग नियतांक है।
उस अभिक्रिया की कोटि जिसकी दर $=$ $kC_A^{3/2}\,C_B^{ - 1/2}$ है, होगी
किसी अभिक्रिया में, अभिकारक की सान्द्रता क्रमश: दो गुना और तीन गुना करने पर अभिक्रिया दर चार गुना और नौगुना पाई गई, तो अभिक्रिया की कोटि होगी
अभिक्रिया $2S{O_2} + {O_2} \to 2S{O_3}$ में $S{O_2}$ के विलुप्ती का वेग $1.28 \times {10^{ - 3}}$ ग्राम $/$ सेकण्ड हो, तो $S{O_3}$ के बनने की दर है
शून्य कोटि अभिक्रिया के लिये दर स्थिरांक की इकाई है