एक डाईऑक्सीजन स्पीशीज का चुम्बकीय आघूर्ण $1.73 \,B.M$ है, यह हो सकती है :
$\mathrm{O}_{2}^{-}$ अथवा $\mathrm{O}_{2}^{+}$
$\mathrm{O}_{2}$ अथवा $\mathrm{O}_{2}^{+}$
$\mathrm{O}_{2}$ अथवा $\mathrm{O}_{2}^{-}$
$\mathrm{O}_{2}, \mathrm{O}_{2}^{-}$ अथवा $\mathrm{O}_{2}^{+}$
$MO$ सिद्धान्त के अनुसार नीचे दी गई क्रमबद्ध नाइट्रोजन स्पीशीज की सूची में कौन उनके बढ़ते बन्ध कोटि को प्रस्तुत करता है ?
स्पीशीज $NO , NO ^{+}, NO ^{2+}$ तथा $NO ^{-}$में, वह एक जिसकी आबन्ध सामर्थ्य न्यूनतम है, होगी
${N_2}$ अणु में बन्धक्रम है
दिए गए निम्न ऑकसाइडों में से अनुचुम्बकीय ऑक्साइडों की संख्या है
$\mathrm{Li}_{2} \mathrm{O}, \mathrm{CaO}, \mathrm{Na}_{2} \mathrm{O}_{2}, \mathrm{KO}_{2}, \mathrm{MgO}$ and $\mathrm{K}_{2} \mathrm{O}$
आण्विक कक्षक सिद्धांत के आधार पर समझाइए कि $Be_{2}$ अणु का अस्तित्व क्यों नहीं होता।