नव-डार्विनवाद का मुख्य आधार है
जीवन संघर्ष
विभिन्नता
योग्यतम की उत्तरजीविता
जीनवाद
(b) डार्विनिज्म अनुकूलित लक्षणों के उद्गम को नहीं समझा सका जबकि नियो-डार्विनिज्म विभिन्नताओं के स्त्रोत को समझा सकता है।
सिम्पेट्रिक स्पेशियेसन को क्या कहते हैं
डार्विन ने किस वाद को प्रतिपादित किया
स्वत: उत्पत्ति के सिद्धान्त के अनुसार, निम्न में से जीवन की उत्पत्ति के लिये कौनसा क्रम सही है
विकासीय परिवर्तनों की आधारीय क्रिया के लिये प्राकृतिक वरण का विचार दिया गया
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