निम्न में से कौनसा कथन सत्य है
यदि परिपथ सतत् हो, तो कुण्डली में अधिक चुम्बकीय फ्लक्स की उपस्थिति कुण्डली में धारा स्थापित कर सकती है
असमान चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित एक स्थिर तार की कुण्डली में प्रेरित वि.व. बल होता है
एक आवेशित कण चुम्बकीय बल रेखाओं से $85°$ कोण पर समान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है तो कण का पथ वृत्ताकार होता है
एक आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में गति करता है तो उसकी ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यद्यपि उस पर चुम्बकीय बल कार्यरत होता है।
$y =0$ तथा $y = d$ के बीच के क्षेत्र में एक समान चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }= B \hat{ z }$ विद्यमान है। द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ का एक कण, वेग $\overrightarrow{ v }=v \hat{ i }$ से इस क्षेत्र में
प्रवेश करता है। यदि $d =\frac{ mv }{2 qB }$ है, तो दूसरी और से बाहर निकलने वाले बिन्दु पर, आवेशित कण का त्वरण होगा।
इलेक्ट्रॉन की गति की दिशा से $90°$ कोण पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र कार्य कर रहा है। परिणामत: इलेक्ट्रॉन $2\, cm$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर गति करता है। यदि इलेक्ट्रॉन की चाल दोगुनी कर दी जाए तो वृत्तीय पथ की त्रिज्या.....सेमी होगी:
एक इलेक्ट्रॉन जिसका आवेश $1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$ और द्रव्यमान $9 \times {10^{ - 31}}\,kg$ है $2 \times {10^{ - 1}}\,tesla$ के चुम्बकीय क्षेत्र में $4 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ की चाल से वृत्तीय कक्ष में घूम रहा है। इलेक्ट्रॉन पर लगने वाला बल और वृत्तीय कक्ष की त्रिज्या का मान है
एक प्रोटॉन एवं एक अल्फा कण को अलग-अलग एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रक्षेपित किया जाता है। इन कणों के प्रारम्भिक वेग चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् हैं। यदि दोनों कण चुम्बकीय क्षेत्र के चारों ओर बराबर त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर चक्कर लगायें तो प्रोटॉन व अल्फा कण के संवेगों का अनुपात $\left( {\frac{{{P_p}}}{{{P_a}}}} \right)$ होगा
कभी-कभी अत्यधिक ऊर्जायुक्त धनात्मक कण अत्यधिक वेग से आकाश से पृथ्वी की ओर आते हैं। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण ये विक्षेपित होंगे