$C$ धारिता पर $V$ विभव की $64$ बूँदें मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी जाती है। यदि प्रत्येक छोटी बूँद पर $q$ आवेश हो, तो बड़ी बूँद पर आवेश होगा
$2\,q$
$4\,q$
$16\,q$
$64\,q$
$Q = nq$ $⇒$ $Q = 64\,q$
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $15\,\mu \,F$ है, जबकि इसके प्लेटों के बीच की दूरी $6\,cm$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी घटाकर $2\,cm$ कर दी जाये, तो अब इस संधारित्र की धारिता ………$\mu \,F$ होगी
$64$ बूदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है। यदि प्रत्येक छोटी बूँद की धारिता $C$, विभव $V$ तथा आवेश $q$ है तो बड़ी बूँद की धारिता है
किसी वस्तु पर आवेश तथा विभव का अनुपात कहलाता है
$1$ मीटर त्रिज्या वाले धातु के गोले की धारिता के समान धारिता वाले $40$ मिमी व्यास वाले समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी ……मिमी होगी
दो जुड़े हुए आवेशित पिण्डों के बीच कोई धारा नहीं बहती जब उनमें समान होता है
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