$M$ द्रव्यमान के एक रेत से भरे बोरे को रस्सी द्वारा लटकाया गया है। $m$ द्रव्यमान की एक गोली $v$ वेग से इससे टकराकर इसमें धँस जाती है। इस प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा में हानि होगी

  • A

    $\frac{1}{2}m{v^2}$

  • B

    $\frac{1}{2}m{v^2} \times \frac{1}{{M + m}}$

  • C

    $\frac{1}{2}m{v^2} \times \frac{M}{m}$

  • D

    $\frac{1}{2}m{v^2}\left( {\frac{M}{{M + m}}} \right)$

Similar Questions

$M‌‌_1$ द्रव्यमान की एक वस्तु विरामावस्था में रखी $M_2$ द्रव्यमान की एक अन्य वस्तु के साथ प्रत्यास्थ संघट्ट करती है तो अधिकतम ऊर्जा स्थानान्तरण होगा, जब

एक $2 \,kg$ द्रव्यमान का पिण्ड, $1 \,m$ त्रिज्या के वृत्तीय चतुर्थांश के वक्रीय पथ पर (चित्रानुसार) फिसलता है। सभी पृष्ठ घर्षण रहित हैं। यदि पिण्ड विरामावस्था से चलना प्रारम्भ करे, तो पथ की तली पर इसकी चाल ...........  $\mathrm{m} / \mathrm{s}$ है

सही विकल्प को रेखांकित कीजिए :

$(a)$ जब कोई संरक्षी बल किसी वस्तु पर धनात्मक कार्य करता है तो वस्तु की स्थितिज ऊर्जा बढ़ती है/घटती है/अपरिवर्ती रहती है।

$(b)$ किसी वस्तु द्वारा घर्षण के विरुद्ध किए गए कार्य का परिणाम हमेशा इसकी गतिज/स्थितिज ऊर्जा में क्षय होता है।

$(c)$ किसी बहुकण निकाय के कुल संवेग-परिवर्तन की दर निकाय के बाह्य बल/आंतरिक बलों के जोड़ के अनुक्रमानुपाती होती है।

$(d)$ किन्हीं दो पिंडों के अप्रत्यास्थ संघट्ट में वे राशियाँ, जो संघट्ट के बाद नहीं बदलती हैं; निकाय की कुल गतिज ऊर्जा/कुल रेखीय संवेग/कुल ऊर्जा हैं।

बतलाइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य। अपने उत्तर के लिए कारण भी दीजिए।

$(a)$ किन्हीं दो पिंडों के प्रत्यास्थ संघट्ट में, प्रत्येक पिंड का संवेग व ऊर्जा संरक्षित रहती है।

$(b)$ किसी पिंड पर चाहे कोई भी आंतरिक व बाह्य बल क्यों न लग रहा हो, निकाय की कुल ऊर्जा सर्वदा संरक्षित रहती है।

$(c)$ प्रकृति में प्रत्येक बल के लिए किसी बंद लूप में, किसी पिंड की गति में किया गया कार्य शून्य होता है।

$(d)$ किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट में, किसी निकाय की अंतिम गतिज ऊर्जा, आरंभिक गतिज ऊर्जा से हमेशा कम होती है ।

एक बल $\mathop F\limits^ \to = (5\hat i + 3\hat j)\;N$एक कण पर कार्यरत है, जो कण को प्रारम्भिक स्थिति से $\mathop s\limits^ \to = (2\hat i - 1\hat j)$m तक विस्थापित कर देता है। कण पर किया गया कार्य .......... $J$ है