एक $2 \,kg$ द्रव्यमान का पिण्ड, $1 \,m$ त्रिज्या के वृत्तीय चतुर्थांश के वक्रीय पथ पर (चित्रानुसार) फिसलता है। सभी पृष्ठ घर्षण रहित हैं। यदि पिण्ड विरामावस्था से चलना प्रारम्भ करे, तो पथ की तली पर इसकी चाल ........... $\mathrm{m} / \mathrm{s}$ है
$4.43$
$2$
$0.5$
$19.6$
$xy$ तल में गतिशील कण पर बल $\overrightarrow F = \, - \,K(y\hat i + x\hat j)$ (यहाँ $K $ एक धनात्मक नियतांक है) कार्य करता है। मूल बिन्दु से प्रारम्भ करके $x-$ अक्ष के अनुदिश $(a, 0)$ बिन्दु तक तत्पश्चात $y-$ अक्ष के समान्तर बिन्दु $(a, a)$ तक कण को विस्थापित करने में बल $F$ द्वारा किया गया कुल कार्य होगा
बल $\mathop F\limits^ \to = (5\hat i + 3\hat j)$न्यूटन एक कण पर लगाया जाता है जो इसे मूल बिन्दु से $\mathop r\limits^ \to = (2\hat i - 1\hat j)$ मीटर तक विस्थापित कर देता है। बल द्वारा किया गया कार्य ........ $J$ होगा
सही विकल्प को रेखांकित कीजिए :
$(a)$ जब कोई संरक्षी बल किसी वस्तु पर धनात्मक कार्य करता है तो वस्तु की स्थितिज ऊर्जा बढ़ती है/घटती है/अपरिवर्ती रहती है।
$(b)$ किसी वस्तु द्वारा घर्षण के विरुद्ध किए गए कार्य का परिणाम हमेशा इसकी गतिज/स्थितिज ऊर्जा में क्षय होता है।
$(c)$ किसी बहुकण निकाय के कुल संवेग-परिवर्तन की दर निकाय के बाह्य बल/आंतरिक बलों के जोड़ के अनुक्रमानुपाती होती है।
$(d)$ किन्हीं दो पिंडों के अप्रत्यास्थ संघट्ट में वे राशियाँ, जो संघट्ट के बाद नहीं बदलती हैं; निकाय की कुल गतिज ऊर्जा/कुल रेखीय संवेग/कुल ऊर्जा हैं।
निम्नलिखित का उत्तर ध्यानपूर्वक, कारण सहित दीजिए :
$(a)$ किन्हीं दो बिलियर्ड-गेंदों के प्रत्यास्थ संघट्ट में, क्या गेंदों के संघट्ट की अल्पावधि में ( जब वे संपर्क में होती हैं) कुल गतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है ?
$(b)$ दो गेंदों के किसी प्रत्यास्थ संघट्ट की लघु अवधि में क्या कुल रेखीय संवेग संरंक्षित रहता है ?
$(c)$ किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट के लिए प्रश्न $(a)$ व $(b)$ के लिए आपके उत्तर क्या हैं ?
$(d)$ यदि दो बिलियर्ड-गेंदों की स्थितिज ऊर्जा केवल उनके केंद्रों के मध्य, पृथक्करण-दूरी पर निर्भर करती है तो संघट्ट प्रत्यास्थ होगा या अप्रत्यास्थ ? (ध्यान दीजिए कि यहाँ हम संघट्ट के दौरान बल के संगत स्थितिज ऊर्जा की बात कर रहे हैं, ना कि गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा की )
निम्नलिखित का उत्तर दीजिए:
$(a)$ किसी राकेट का बाह्य आवरण उड़ान के दौरान घर्षण के कारण जल जाता है। जलने के लिए आवश्यक ऊष्मीय ऊर्जा किसके व्यय पर प्राप्त की गई-राकेट या वातावरण ?
$(b)$ धूमकेतु सूर्य के चारों ओर बहुत ही दीर्घवृत्तीय कक्षाओं में घूमते हैं। साधारणतया धूमकेतु पर सूर्य का गुरुत्वीय बल धूमकेतु के लंबवत् नहीं होता है। फिर भी धूमकेतु की संपूर्ण कक्षा में गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है। क्यों ?
$(c)$ पृथ्वी के चारों ओर बहुत ही क्षीण वायुमण्डल में घूमते हुए किसी कृत्रिम उपग्रह की ऊर्जा धीरे-धीरे वायुमण्डलीय प्रतिरोध ( चाहे यह कितना ही कम क्यों न हो) के विरुद्ध क्षय के कारण कम होती जाती है फिर भी जैसे-जैसे कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के समीप आता है तो उसकी चाल में लगातार वुद्ध क्यों होती है ?
$(d)$ चित्र $(i)$ में एक व्यक्ति अपने हाथों में $15\, kg$ का कोई द्रव्यमान लेकर $2\, m$ चलता है। चित्र $(ii)$ में बह उतनी ही दूरी अपने पीछे रस्सी को खींचते हुए चलता है। रस्सी घिरनी पर चढ़ी हुई है और उसके दूसरे सिरे पर $15\, kg$ का द्रव्यमान लटका हुआ है । परिकलन कीजिए कि किस स्थिति में किया गया कार्य अधिक है ?