तेज गति वाले $\alpha-$कण पुंज एक पतली सोने की फिल्म पर गिरते हैं। निम्न चित्र में पुंज के आपतित भाग $A, B$ और $C$ के सापेक्ष संचरित व परावर्तित भाग $A', B'$ और $C'$ प्रदर्शित हैं। $\alpha$-कणों की संख्या
$B'$ में न्यूनतम एवं $C'$ में अधिकतम है
$A'$ में अधिकतम एवं $B'$ में न्यूनतम है
$A'$ में न्यूनतम एवं $B'$ में अधिकतम है
$C'$ में न्यूनतम एवं $B'$ में अधिकतम है
रदरफोर्ड का $\alpha$-प्रकीर्णन प्रयोग दर्शाता है कि परमाणु में होता है
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन $I$ : परमाणु वैध्रुत उदासीन होते हैं क्योंकि इनमें समान संख्या में धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेश होते हैं।
कथन $II$ : प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थाई होते हैं तथा अपना अभिलाक्षणिक स्पैक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं।
उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर चुनिए:
$1911$ में भौतिक वैज्ञानिक अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने धनात्मक आवेश वाले कणों को सोने की पतली पन्नी पर बौछार कर के यह खोजा कि परमाणु में एक सूक्ष्म, सघन नाभिक होता है। सोने का वह गुण, जिसने रदरफोर्ड को इस प्रयोग में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया, है
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए जो आपको टॉमसन मॉडल और रदरफोर्ड मॉडल में अंतर समझने हेतु अच्छी तरह से सहायक हैं।
$(a)$ क्या टॉमसन मॉडल में पतले स्वर्ण पन्नी से प्रकीर्णित $\alpha$ -कणों का पूर्वानुमानित औसत विक्षेपण कोण, रदरफोर्ड मॉडल द्वारा पूर्वानुमानित मान से अत्यंत कम, लगभग समान अथवा अत्यधिक बड़ा है?
$(b)$ टॉमसन मॉडल द्वारा पूर्वानुमानित पश्च प्रकीर्णन की प्रायिकता (अर्थात $\alpha$ -कणों का $90^{\circ}$ से बड़े कोणों पर प्रकीर्णन ) रदरफोर्ड मॉडल द्वारा पूर्वानुमानित मान से अत्यंत कम, लगभग समान अथवा अत्यधिक है?
$(c)$ अन्य कारकों को नियत रखते हुए, प्रयोग द्वारा यह पाया गया है कि कम मोटाई $t$ के लिए, मध्यम कोणों पर प्रकीर्णित $\alpha$ -कणों की संख्या $t$ के अनुक्रमानुपातिक है। $t$ पर यह रैखिक निर्भरता क्या संकेत देती है?
$(d)$ किस मॉडल में $\alpha$ -कणों के पतली पन्नी से प्रकीर्णन के पश्चात औसत प्रकीर्णन कोण के परिकलन हेतु बहुप्रकीर्णन की उपेक्षा करना पूर्णतया गलत है?
हाइड्रोजन के स्पेक्ट्रम में लाइमन तथा बामर श्रेणी की सर्वाधिक लम्बी तरंगदैर्ध्यो का अनुपात होगा है