हाइड्रोजन परमाणु के बोर मॉडल में इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत बल मुख्य क्वाण्टम संख्या $(n)$ पर किस प्रकार निर्भर करता है
$F \propto 1/{n^3}$
$F \propto 1/{n^4}$
$F \propto 1/{n^5}$
$n$ पर निर्भर नहीं करता है
यदि ${90^o}$ कोण पर प्रकीर्णित कण $56$ हों तो ${60^o}$ कोण पर यह होंगे
परमाणु के रदरफोर्ड के नाभिकीय मॉडल में, नाभिक ( त्रिज्या लगभ्ग $10^{-15} \,m$ ) सूर्य के सदृश है, जिसके परित: इलेक्ट्रॉन अपने कक्ष ( त्रिज्या $\approx 10^{-10} \, m$ ) में ऐसे परिक्रमा करता है जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। यदि सौर परिवार की विमाएँ उसी अनुपात में होतीं जो किसी परमाणु में होती हैं, तो क्या पृथ्वी अपनी वास्ताविक स्थिति की अपेक्षा सूर्य के पास होगी या दूर होगी? पृथ्वी के कक्ष की त्रिज्या लगभग $1.5 \times 10^{11} \,m$ है। सूर्य की त्रिज्या $7 \times 10^{8} \,m$ मानी गई है।
$10\, kg$ का कोई उपग्रह $8000\, km$ त्रिज्या की एक कक्षा में पृथ्वी का एक चक्कर प्रत्येक $2 \,h$ में लगाता है। यह मानते हुए कि बोर का कोणीय संवेग का अभिगृहीत, उसी प्रकार उपग्रह पर लागू होता है जिस प्रकार कि यह हाइड्रोजन के परमाणु में किसी इलेक्ट्रॉन के लिए मान्य है, उपग्रह की कक्षा की क्वांटम संख्या ज्ञात कीजिए।