एक कार एकसमान चाल से समतल सड़क पर जा रही है। कार के भीतर हीलियम गैस से भरा गुब्बारा धागे से बाँधकर तली में बाँध दिया जाता है। धागा ऊध्र्वाधर रहता है। अब कार चाल को नियत रखते हुऐ बायीं ओर मुड़ जाती है, तो गुब्बारा कार में
ऊध्र्वाधर ही रहेगा
वक्र पथ पर फट जावेगा
दायीं ओर जायेगा
बायीं ओर जायेगा
एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है। यदि अभिकेन्द्रीय बल $F$ को नियत रखें परन्तु कोणीय वेग को दोगुना कर दें, तो पथ की नई त्रिज्या होगी (वास्तविक त्रिज्या $R$ है)
नीचे दर्शाये चित्र में $M$ द्रव्यमान की एक वस्तु $R$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर एकसमान चाल से गति कर रही है। ${P_1}$ से ${P_2}$ तक जाने में त्वरण में परिवर्तन होगा
$m$ द्रव्यमान का एक गोलाकार पिण्ड $l$ लम्बाई की डोरी से बाँधकर क्षैतिज वृत्ताकार मार्ग पर $v$ चाल से घुमाया जा रहा है। इसे पूर्ण क्षैतिज वृत्त में घुमाने हेतु किया गया कार्य होगा
एक कण $1$ मीटर त्रिज्या वाले वृत्त का एक चक्कर $10$ सैकण्ड में लगाता है। गति के दौरान उसका औसत वेग है
एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है। यदि कोणीय वेग वही रहे किन्तु त्रिज्या आधी कर दें, तो नया बल होगा