एक वैद्युत आवेश ${q_1}$, एक अन्य आवेष ${q_2}$ पर बल आरोपित करता है। यदि एक तृतीय आवेष ${q_3}$ निकट लाया जाता है, तो आवेष ${q_1}$ द्वारा आवेश ${q_2}$ पर लगने वाला बल

  • A

    घटता है

  • B

    बढ़ता है

  • C

    अपरिवर्तित रहता है

  • D

    बढ़ता है, यदि ${q_3}$ और ${q_1}$ दोनों एक ही प्रकार के हैं तथा घटता है, यदि ${q_3}$ एवं ${q_1}$ विपरीत प्रकार के होते हैं

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एक समबाहु त्रिभुज, जिसका केन्द्र मूल बिन्दु (origin) है. के तीनो शीर्षो पर तीन $+ q$ समान आवेश रखे गए है। उन्हें एक प्रत्यानयन बल (restoring force) $f(r)=$ $kr$. जिसकी दिशा मूल बिन्दु की तरफ है और $k$ एक नियतांक है, के द्वारा साम्यावस्था (equilibrium) में रखा गया है। मूल बिन्दु से इन तीनों आवेशों की दूरी क्या होगी?

  • [KVPY 2010]

अक्षीय स्थिति में एक दिया गया आवेश, वैद्युत द्विध्रुव से कुछ दूरी पर रखा गया है तो उस पर $F$  बल कार्य करता है। यदि आवेश को दुगनी दूरी पर रखा जाता है, तो उस पर लगने वाला बल होगा

$+ Q , q$ तथा $+ Q$ के तीन आवेशों को $x$-अक्ष पर मूलबिन्दु से क्रमश: दूरी $0, d / 2$ तथा $d$ पर रखा गया है। यदि $x =0$ पर रखे $+ Q$ आवेश पर कुल बल शून्य है, तो $q$ का मान होगा :

  • [JEE MAIN 2019]

चित्रानुसार, बिन्दु आवेश $q$ धनात्मक $X - $अक्ष की दिशा के समान्तर एकसमान विद्युत क्षेत्र में $P$ से $S$ की दिशा में $PQRS$ के अनुदिश गति करता है।$P,\,Q,\,R$ व $S$ के निर्देशांक क्रमश: $(a,\,b,\,0),\;(2a,\,0,\,0),\;(a,\, - b,\,0)$ व $(0,\,0,\,0)$ हैं। क्षेत्र द्वारा उपरोक्त प्रक्रिया में किया गया कार्य है

  • [IIT 1989]

एक $10 \mu \mathrm{C}$ आवेश दो भागों में विभाजित किया जाता है तथा $1 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर रख दिया जाता है ताकि इसके बीच प्रतिकर्षण बल अधिकतम हो। दोनों भागों के आवेश है:

  • [JEE MAIN 2023]