किसी सपाट वृत्तीय चकती पर आवेश $ + Q$ एकसमान वितरित है। आवेश$ + q$ को $E$ गतिज ऊर्जा से चकती की ओर, इसके लम्बवत् अक्ष के अनुदिश फेंका जाता है। आवेश $q$
चकती के केन्द्र से टकराएगा
चकती को छूकर अपने मार्ग पर वापिस आ जाएगा
चकती को बिना छुए अपने मार्ग पर वापिस आ जाएगा
उपरोक्त तीनों अवस्थाओं में से कोई भी सम्भव है, $E$ के मान के अनुसार
कोई आवेशित गेंद $B$ किसी सिल्क की डोरी $S$ से लटकी है, जो आरेख में दर्शाए अनुसार, किसी बड़ी आवेशित चालक शीट $P$ के साथ $\theta $ कोण बनाती है। सीट का पृष्ठीय आवेश घनत्व $\sigma $ किसके समानुपाती है
समकोण त्रिभुज $OAB$ के बिन्दु $A$ तथा $B$ पर आवेश $Q _{1}$ तथा $Q _{2}$ रखे हैं (चित्र देखिये)। यदि बिन्दु $O$ पर वैधुत क्षेत्र कर्ण के लम्बवत् है तो आवेशों का अनुपात $Q_{1} / Q_{2}$ किसके समानुपाती होगा ?
मूल बिन्दु पर $10 \mu \mathrm{C}$ का एक बिन्दु आवेश रखा है। $\mathrm{x}$ अक्ष के कौनसे स्थान पर $40 \mu \mathrm{C}$ का बिन्दु आवेश रखने पर $\mathrm{x}=2 \mathrm{~cm}$ पर कुल वैद्युत क्षेत्र शून्य होगा-
घर्षणरहित, क्षैतिज, अचालक तथा त्रिज्या $R$ के एक वृत्ताकार वलय पर समान आवेश $q$ एवं द्रव्यमान $m$ की दो मणिकाओं (beads) को लगाया गया है। एक मणिका को वलय के किसी बिंदु पर चिपका दिया गया है जबकि दूसरी मणिका अपनी साम्यावस्था के सापेक्ष वलय पर लघु दोलन (small oscillations) करती है। इन लघु दोलनों की कोणीय आवृत्ति के वर्ग का मान होगा [ $\varepsilon_0$ मुक्त आकाश की विधुत शीलता है|]
दो बिन्दु आवेश $Q$ व $ - 3Q$ एक-दूसरे से कुछ दूरी पर रखे हैं। यदि $Q$ स्थिति पर विद्युत क्षेत्र $E$ हो तो स्थिति $ - 3Q$ पर यह होगा