एक समान्तर प्लेट संधारित्र, जिसका क्षेत्रफल $A$, प्लेट अंतराल $d$ एवं धारिता $C$ है, को तीन परावैद्युत पदार्थों से भारा गया है। इनके परावैद्युतांक ${K_1},{K_2}$ और ${K_3}$ हैं। यदि केवल एक परावैद्युत पदार्थ का प्रयोग करके इस संधारित्र की वही धारिता $C$ प्राप्त करनी हो तो इसके परावैद्युतांक $k$ का समीकरण है
$\frac{1}{k} = \frac{1}{{{k_1}}} + \frac{1}{{{k_2}}} + \frac{1}{{2{k_3}}}$
$\frac{1}{k} = \frac{1}{{{k_1} + {k_2}}} + \frac{1}{{2{k_3}}}$
$k = \frac{{{k_1}{k_2}}}{{{k_1} + {k_2}}} + 2{k_3}$
$k = {k_1} + {k_2} + 2{k_3}$
समानान्तर प्लेटों से बने एक संधारित्र की प्लेटों का क्षेत्रफल $A$ है तथा उनके बीच की दूरी $'d'$ है। इन प्लेटों क बीच एक परावैधुत पदार्थ भरा हुआ है जिसका परावैधुतांक $k ( x )= K (1+\alpha x )$ है। यहाँ पर ' $x$ ' किसी एक प्लेट से दूरी है। यदि $(\alpha d)<<1$ हो, तो इस संधारित्र की धारिता का उपयुक्त मान होगा।
अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल $A$ तथा पृथकन $d$ के कि समांतर पट्टिका संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच वा भरी है । इन पट्टिकाओं के बीच मोटाई $d / 2$ और समान क्षेत्रफल का कोई विद्युतरोधी गुटका, जिसके परावैद्युतांक $K(=4)$ है, आरेख में दर्शाए अनुसार सन्निवेशित कर दिया गया है । इस संधारित्र की नये धारिता और मूल धारिता का अनुपात होगा -
$20\,mu \,F$ धारिता वाले संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी $2\,mm$ है। यदि प्लेटों के बीच $1\,mm$ चौड़ा एवं $2$ परावैद्युतांक नियतांक वाला गुटका रख दिया जाये तब नयी धारिता.......$\mu \,F$ है
दो एक समान आवेशित गोले बराबर लम्बाई की डोरी से लटके है। डोरियाँ एक दूसरे के साथ $\theta$ कोण बनाती है। जब पानी में लटकाया जाता है, तो कोण समान रहता हैं। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.5 \mathrm{~g} / \mathrm{cc}$ हो तो पानी का परावैद्युतांक. . . . . . . . . होगा।
(पानी का घनत्व $=1 \mathrm{~g} / \mathrm{cc}$ )
दो वृत्तीय प्लेटों, जिनके बीच की दूरी $5 \,mm$ हैं, से एक समान्तर पट्टिका संधारित्र बनाया गया है जिसके बीच परावैध्युत स्थिरांक $2.2$ का एक परवैध्युत रखा गया है। जब परवैध्युत में विध्युत क्षेत्र $3 \times 10^{4} \,V / m$ है, तब धनात्मक प्लेट का आवेश घनत्व लगभग होगा: