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एक ग्रह सूर्य के चारों ओर दीर्घवृत्तीय कक्षा में घूमता है | यदि $T, V, E$ तथा $L$ इसकी गतिज ऊर्जा, गुरुत्व स्थितिज ऊर्जा, कुल ऊर्जा तथा कोणीय संवेग को प्रदर्शित करते हों, तो कौन सा कथन सत्य है ?
$T$ संरक्षित रहता है |
$V$ हमेशा धनात्मक होता है |
$L$ संरक्षित रहता है परन्तु सदिश $L$ की दिशा हमेशा बदलती रहती है |
$E$ हमेशा ऋणात्मक होता है |
Solution
आघूर्ण विस्थापन या वेग के समांतर होने के कारण कोणीय संवेग नियत होगा तथा ग्रह, पृथ्वी के दीर्घवृत्ताकार कक्षा में चक्कर लगा रहा हो, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा $\left(U=\frac{-G M m}{r}\right)$ ॠणात्मक होती है। वेग बढ़ने पर गतिज ऊर्जा $\left(K=\frac{G M m}{2 r}=\frac{1}{2} m v^2\right)$ भी बढ़ती है।
अतः कुल ऊर्जा, $E$ = गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा
$E=\frac{G M m}{2 r}-\frac{G M m}{r}=-\frac{G M m}{2 r}$
अतः कुल ऊर्जा $E$ हमेशा ऋणात्मक होती है।
अतः विकल्प (c) सही है।
दीर्घवृत्ताकार कक्षा में घूमने के लिए,
आवर्तकाल का मान निम्न होता है
$T=2 \pi\left(\frac{r^3}{G M}\right)^{1 / 2}$
दीर्घवृत्ताकार के लिए $r$ का भिन्न होता है
$\therefore T$ संरक्षित नहीं रहता है।
अतः विकल्प (a) गलत है।
ग्रह को दीर्घवृत्ताकार कक्षा में घूमने के लिए, वेग का मान निम्न होता है
$v=\sqrt{\frac{g R^2}{r}}=\sqrt{\frac{2 G M_e}{R_e}}$
$r$ का मान परिवर्तित होता रहता है, इसलिए $v$ का मान हमेशा धनात्मक नहीं होता है।
अतः विकल्प (b) सही नहीं है।
$\because$ कोणीय संवेग, $L = mv$
$v$ का मान परिवर्तित होने पर $L$ का मान परिवर्तित होता है।
अतः विकल्प (d) गलत है।