$M$ द्रव्यमान का एक अंतरिक्ष यान $v$ वेग से गति कर रहा है। यह अचानक समान द्रव्यमान $m$ के दो टुकड़ों में टूट जाता है। विस्फोट के पश्चात् $ m$  द्रव्यमान का एक भाग स्थिर हो जाता है। यान के दूसरे भाग का वेग होगा

  • A

    $\frac{{Mv}}{{M - m}}$

  • B

    $v$

  • C

    $\frac{{Mv}}{m+M}$

  • D

    $\frac{{M - m}}{m}v$

Similar Questions

कोई व्यक्ति वजन कम करने के लिए $10\, kg$ द्रव्यमान को $0.5\, m$ की ऊंचाई तक $1000$ बार उठाता है। मान लीजिए कि प्रत्येक बार द्रव्यमान को नीचे लाने में खोई हुई ऊर्जा क्षयित हो जाती है। $(a)$ वह गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कितना कार्य करता है ? $(b)$ यदि वसा $3.8 \times 10^{7} J$ ऊर्जा प्रति किलोग्राम आपूर्ति करता हो जो कि $20 \%$ दक्षता की दर से यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है तो वह कितनी वसा खर्च कर डालेगा ?

$m$ द्रव्यमान का एक कण ${V_0}$ वेग से $m$द्रव्यमान के ही सरल लोलक से टकराता है तथा इससे चिपक जाता है। लोलक द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई होगी

द्रव्यमान $0.1$  किग्रा के पिण्ड पर लगाया गया बल दूरी के साथ चित्रानुसार परिवर्तित होता है। यदि इसकी गति $x = 0$ पर विरामावस्था से प्रारंभ होती है, तब $x = 12\,m$ पर पिण्ड का वेग .............. $m/s$ होगा

कणों के किसी निकाय की गति को इसके द्रव्यमान केन्द्र की गति और द्रव्यमान केन्द्र के परित: गति में अलग-अलग करके विचार करना। दर्शाइये कि-

$(a)$ $p = p _{i}^{\prime}+m_{i} V$, जहाँ ( $m_i$, द्रव्यमान वाले) $i-$ वें कण का संवेग है, और $p _{i}^{\prime}=m_{i} v _{i}^{\prime} \mid$ ध्यान द्द कि $v_i^{\prime} $, द्रव्यमान केन्द्र के 

सापेक्ष $i-$ वें कण का वेग है। द्रव्यमान केन्द्र की परिभाषा का उपयोग करके यह भी सिद्ध कीजिए कि $\sum p _{i}^{\prime}=0$

$(b)$ $K=K^{\prime}+1 / 2 M V^{2}$

$K$ कणों के निकाय की कुल गतिज ऊर्जा, $K ^{\prime}=$ निकाय की कुल गतिज ऊर्जा जबकि कणों की गतिज ऊर्जा द्रव्यमान केन्द्र के सापेक्ष ली जाय। $M V^{2} / 2$ संपूर्ण निकाय के (अर्थात् निकाय के द्रव्यमान केन्द्र के ) स्थानान्तरण की गतिज ऊर्जा है। इस परिणाम का उपयोग भाग में किया गया है।

$(c)$ $L = L ^{\prime}+ R \times M V$

जहाँ $L ^{\prime}=\sum r _{i}^{\prime} \times p _{i}^{\prime}$ द्रव्यमान के परित: निकाय का कोणीय संवेग है जिसकी गणना में वेग द्रव्यमान केन्द्र के सापेक्ष मापे गये हैं। याद कीजिए $r _{t}^{\prime}= r _{t}- R$; शेष सभी चिह्न अध्याय में प्रयुक्त विभिन्न राशियों के मानक चिह्न हैं। ध्यान दें कि $L$ ' द्रव्यमान केन्र के परितः निकाय का कोणीय संवेग एवं $M R \times V$ इसके द्रव्यमान केन्द्र का कोणीय संवेग है।

$(d)$ $\frac{d L ^{\prime}}{d t}=\sum r _{t}^{\prime} \times \frac{d p ^{\prime}}{d t}$

यह भी दर्शाइये कि $\frac{d L ^{\prime}}{d t}=\tau_{e x t}^{\prime}$

(जहाँ $\tau_{\text {ext }}^{\prime}$ द्रव्यमान केन्द्र के परित: निकाय पर लगने वाले सभी बाहय बल आघूर्ण हैं।) [ संकेत : द्रव्यमान केन्द्र की परिभाषा एवं न्यूटन के गति के तृतीय नियम का उपयोग कीजिए। यह मान लीजिए कि किन्ही दो कणों के बीच के आन्तरिक बल उनको मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करते हैं।]

$V$  वेग से गतिशील $m$  द्रव्यमान का एक गोला एक रेत के लटके हुए बोरे में घुस कर रुक जाता है। यदि बोरे का द्रव्यमान $M$ है और वह $h$ ऊँचाई तक उठता है, तो गोले का वेग था