$L$ लम्बाई की एक नली को एक असंपीड्य द्रव द्रव्यमान $M$ से पूरा भर कर इसे दोनों सिरों से बन्द कर दिया गया है। इस नली को एक क्षैतिज तल में नली के एक सिरे के सापेक्ष अचर कोणीय वेग $\omega$ से घुमाया जा रहा है। द्रव द्वारा नली के दूसरे सिरे पर क्रियाकारी बल होगा

  • A

    $\frac{{ML{\omega ^2}}}{2}$

  • B

    ${ML{\omega ^2}}$

  • C

    $\frac{{M{\omega ^2}L^2}}{2}$

  • D

    $\frac{3{M{\omega ^2}L}}{4}$

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माना कि किसी कण, जिसका स्थित सदिश $ \overrightarrow {r\,} $ है, पर लगने वाला बल $ \overrightarrow F $ है, एवं मूल बिन्दु के परित: इस बल का बल आघूर्ण $ \overrightarrow T $ है तो

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