एक एकसमान छड़ जिसका घनत्व $\rho $ है, ${\rho _0}$ घनत्व के ${\rho _0} > \rho $ द्रव से भरे हुये एक टैंक में रखी है। टैंक में द्रव छड़ की लम्बाई से आधी ऊँचाई तक भरा है। छड़ इस प्रकार साम्यावस्था में है कि उसका निचला सिरा टैंक के पेंदें को छू रहा है व छड़ क्षैतिज से $60^\circ $कोण बना रही है। तो
$\sin \theta = \frac{1}{2}\sqrt {{\rho _0}/\rho } $
$\sin \theta = \frac{1}{2}\,.\,\frac{{{\rho _0}}}{\rho }$
$\sin \theta = \sqrt {\rho /{\rho _0}} $
$\sin \theta = {\rho _0}/\rho $
$D$ व्यास वाले किसी बेलनाकार पात्र में भरे हुए जल में $ d $ व्यास की एक मोमबत्ती $D $ $(D>>d)$ तैर रही है, जैसा कि चित्र में प्रदर्शित है। यदि मोमबत्ती के जलने की दर $2$ सेमी/घंटा हो, तब मोमबत्ती का शीर्ष भाग
किसी बीकर में रखे द्रव में कोई पिण्ड तैर रहा है। सम्पूर्ण निकाय (चित्रानुसार) गुरुत्व के अधीन मुक्त रूप से गिर रहा है। द्रव के कारण पिण्ड पर उत्प्लावक बल होगा
पतली चादर से बने एकसमान बेलनाकार कोश (shell) के दोनों सिरे बंद हैं। उसमें आंशिक रूप से पानी भरा है। यह कोश आधी-डूबी अवस्था में पानी में ऊर्ध्वाधर (vertically) तैर रहा है। जिस पदार्थ से कोश निर्मित है उसका घनत्व पानी की तुलना में $\rho_c$ है। सही प्रकथन चुनें।
चित्र में अनियमित आकार की एक लंबी पानी की टंकी को दिखाया गया है। CD दीवार, क्षैतिज से $45^{\circ}$ कोण बनाती है। दीवार $AB$ आधार $BC$ के लम्बवत है। $AB$ एवं $CD$ की लंबाई पानी की ऊँचाई $h$ से काफी छोटी है। मान लीजिये कि दीवार $A B$, आधार $B C$ एवं दीवार $C D$ पर दाब क्रमशः $P_1, P_2$ एवं $P_3$ है। पानी का घनत्व $\rho$ एवं गुरुत्वीय त्वरण $g$ है। तब लगभग
धातु के किसी नमूने का भार वायु में $210 gm $ जल में $180 gm$ व किसी द्रव में $ 120 gm$ है तो आपेक्षिक घनत्व $ (RD) $ होगा