एक एकसमान पतली रस्सी जिसकी लम्बाई $12\, m$ और द्रव्यमान $6\, kg$ है ऊर्ध्वाधर लटकी हुई है और इसके निचले सिरे पर $2\, kg$ द्रव्यमान का एक खण्ड लटका हुआ है। इसके निचले सिरे पर $6\, cm$ तरंगदैर्ध्य की एक अनुप्रस्थ तरंगावलि (wavetrain) बनायी जाती है। जब यह रस्सी के ऊपरी छोर पर पहुँचेगी तो इस तरंगावलि का तरंगदैर्ध्य $( cm$ में) होगा।
$9$
$12$
$6$
$3$
किसी एकसमान तार का प्रति एकांक लम्बाई द्रव्यमान $0.135\; g / cm$ है। इस तार में कोई अनुप्रस्थ तरंग उत्पन्न होती है जिसका निरूपण समीकरण $y =-0.21 \sin ( x +30 t )$ द्वारा किया गया है, यहाँ $x$ मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है। तार मे तनाव का अपेक्षित मान $x \times 10^{-2} \;N$ है। $x$ का मान $\dots$ होगा। (निकटतम संभावित पूर्णांक तक)
दो स्पंदन (pulses) एक तनी हुयी डोरी में एक दूसरे की ओर $2.5cm/s$ की चाल से चलते हैं प्रारम्भ में इनके मध्य की दूरी $10cm$ है। दो सैकण्ड पश्चात् डोरी की अवस्था क्या होगी
दोंनो सिरों पर परिबद्ध क्षैतिज तनित डोरी पाँचवी गुणवृत्ति समीकरण, $y(x, t)=(0.01 m ) \sin \left[\left(62.8 m ^{-1}\right) x \right] \cos \left[\left(628 s ^{-1}\right) t \right]$ द्वारा कम्पित हो रही है। यदि $\pi=3.14$ मान जाये तब निम्न प्रकथन सही है हैं -
$(A)$ निस्पंदो की संख्या $5$ है।
$(B)$ डोरी की लम्बाई $0.25 \ m$ है।
$(C)$ साम्यावस्था से डोरी के मध्य बिन्दु का अधिकतम विस्थापन $0.01 \ m$ है।
$(D)$ मूल आवृत्ति $100 \ Hz$ है।
$9 \times 10^{-3} \,kg \,cm ^{-3}$ घनत्व के एक तार को खींचकर $1$ मीटर दूरी पर लगे दो क्लैम्प्स् पर कस दिया जाता है। इस कारण तार में उत्पन्न विकृति (strain) $4.9 \times 10^{-4}$ हैं। इस स्थिति में तार में अनुप्रस्थ कंपन की निम्नतम आवृत्ति के निकटतम पूर्णांक कितना होगा (तार के यंग गुणांक का मान $\left.Y =9 \times 10^{10} \,Nm ^{-2}\right)$
$6.0$ द्रव्यमान के एक $60 \,cm$ लम्बे तार पर अनुप्रस्थ तरंगों की गति $90 \,ms ^{-1}$ है। यदि तार का यंग का गुणांक $16 \times 10^{11} \,Nm ^{-2}$ और इसके अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $1.0\, mm ^{2}$ हो, तो तार में हुए प्रसार का मान ..... है।