एक परिवर्ती धारा $i = {i_1}\cos \,\omega \,t + {i_2}\sin \omega \,t$के लिये वर्ग माघ्य मूल धारा होगी
$\frac{1}{{\sqrt 2 }}({i_1} + {i_2})$
$\frac{1}{{\sqrt 2 }}{({i_i} + {i_2})^2}$
$\frac{1}{{\sqrt 2 }}{(i_1^2 + i_2^2)^{1/2}}$
$\frac{1}{2}{(i_1^2 + i_2^2)^{1/2}}$
यदि एक प्रत्यावर्ती वोल्टेज को समीकरण $E = 141\,sin\, (628\,t),$ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, तब वोल्टेज का वर्ग माध्य मूल मान एवं आवृत्ति क्रमश: होंगे
एक प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत की वोल्टता समय के साथ निम्नलिखित समीकरण के अनुसार बदलती है $V = 100\sin \;100\,\pi t\cos 100\,\pi t$, यहाँ $t $ सैकण्ड में और $V$ वोल्ट में है तब
एक परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा का मान तप्त तार ऐम्पियरमापी द्वारा $10$ ऐम्पियर पढ़ा जाता है। उसका शिखर मान .....$A$ होगा
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा $ac$, $dc$ में बदलती है, कहलाती है
यदि एक $ac$ सप्लाई का वोल्टेज $220 V$ है। एक धनात्मक अर्धचक्र के लिए औसत वि.वा बल का मान .......$V$ होगा