प्रतिरोध $R$ की विमा है

  • [AIIMS 2005]
  • A

    $M{L^2}{T^{ - 1}}$

  • B

    $M{L^2}{T^{ - 3}}{A^{ - 2}}$

  • C

    $M{L^{ - 1}}{T^{ - 2}}c$

  • D

    उपरोक्त में से कोई नहीं

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सूची-$I$ का सूची-$II$ के साथ मिलान कीजिए।

  List $-I$   List $-II$
$A$. श्यानता गुणांक  $I$. $[M L^2T^{–2}]$
$B$. पुश्ढ तनाव  $II$. $[M L^2T^{–1}]$
$C$. कोणीय संवेग  $III$. $[M L^{-1}T^{–1}]$
$D$. घूर्णन गतिज ऊर्जा  $IV$. $[M L^0T^{–2}]$

  • [JEE MAIN 2024]

नीचे दो कथन दिए गए हैं : इनमें से एक 'अभिकथन (A)' द्वारा एवं दूसरा 'कारण (R)' द्वारा निरूपित है।

अभिकथन $(A)$ : किसी द्रव की बूँद के दोलन का आवर्तकाल, पृष्ठ तनाव $( S )$ पर निर्भर करता है। यदि द्रव का घनत्व $\rho$ एवं बूँद की त्रिज्या $r$ तो $T$ $= k \sqrt{ pr ^3 / s }$ विमाओं के अनुसार सही है। जहाँ $K$ विमाविहीन है।

कारण $(R)$ : विमीय विश्लेषण करने पर, हमें $R.H.S.$ (दाहिनी हाथ की तरफ) पर, समय की विमा से अलग विमा प्राप्त होती है।

उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें

  • [JEE MAIN 2022]

यदि चाल $V$, क्षेत्रफल $A$ एवं बल $F$ को मूल इकाई लिया जाए तो यंग-गुणांक की विमा होगी

  • [JEE MAIN 2020]

प्रेरकत्व $L$ को निम्न में से किसकी तरह विमीय रुप से प्रदर्शित किया जाता है

  • [AIPMT 1989]

एक दृढ़ घन $A$ का द्रव्यमान $M$ एवं इसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $L$ है, यह एकसमान विमा के, दूसरे कम दृढ़ता गुणांक $(\eta )$ वाले घन $ B$ के ऊपर इस प्रकार से स्थित है कि $A$ का निचला पृष्ठ $B$ के ऊपरी पृष्ठ को पूरी तरह ढ़क लेता है। $B$ की निचली सतह दृढ़ता से क्षैतिज सतह पर स्थित है। एक अल्प परिमाण का बल $F,\,A$ की एक सतह पर लम्बवत् लगाया जाता है। बल को हटाने पर $A$ छोटे दोलन करने लगता है जिसका आवर्तकाल दिया जाता है

  • [IIT 1992]