पृथ्वी का विद्युत विभव शून्य माना जाता है क्योंकि पृथ्वी एक

  • [AIIMS 1998]
  • A

    कुचालक है

  • B

    चालक है

  • C

    अर्द्धचालक है

  • D

    परावैद्युत है

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निम्न चित्र में एक आवेशित चालक को एक कुचालक आधार पर रखा गया है। यदि $P$ पर आवेश घनत्व $\sigma $ विभव $V$ तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता $E$ है तो इन राशियों के $Q$ पर मान होंगे

किसी चालक के पृष्ठ पर प्रति इकाई क्षेत्रफल आवेश $q$ है तो पृष्ठ के किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी

यदि $NTP$ पर वायु की परावैद्युत क्षमता $3 \times {10^6}\,V/m$ है। तो $3\,m$ त्रिज्या वाले गोलीय चालक को कितना अधिकतम आवेश दिया जा सकता है

$(a)$ किसी चालक $A$ जिसमें चित्र $(a)$ में दर्शाए अनुसार कोई कोटर / गुहा (Cavity) है, को $Q$ आवेश दिया गया है। यह दर्शाइए कि समस्त आवेश चालक के बाह्य पुष्ठ पर प्रतीत होना चाहिए।

$(b)$ कोई अन्य चालक $B$ जिस पर आवेश $q$ है, को कोटर / गुहा (Cavity) में इस प्रकार धँसा दिया जाता है कि चालक $B$ चालक $A$ से  विध्युतरोधी रहे। यह दर्शाइए कि चालक $A$ के बाह्य पृष्ठ पर कुल आवेश $Q+q$ है [ चित्र $(b)$]।

$(c)$ किसी सुग्राही उपकरण को उसके पर्यावरण के प्रबल स्थिर वैध्यूत क्षेत्रों से परिरिक्षित किया जाना है। संभावित उपाय लिखिए।

चित्र में दर्शाए अनुसार एक धनात्मक आवेश $q$ को एक अनावेशित खोखले बेलनाकार चालक कोश (neutral hollow cylindrical conducting shell) के केंद्र पर रखा गया है । निम्नांकित में से कौन-सा चित्र बेलन की सतहों पर प्रेरित आवेशों को सही निरूपित करता है। (बेलन के किलारों के प्रभाव को अनदेखा कीजिए)

  • [KVPY 2017]