किसी अभिक्रिया के लिये निम्न भिन्नात्मक नहीं हो सकता

  • A

    अभिक्रिया कोटि

  • B

    अर्द्ध-आयुकाल

  • C

    आण्विकता

  • D

    अभिक्रिया दर

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गन्ने की शक्कर का प्रतिलोमन निरुपित करते हैं

${C_{12}}{H_{22}}{O_{11}} + {H_2}O \to {C_6}{H_{12}}{O_6} + {C_6}{H_{12}}{O_6}$

यह अभिक्रिया है

रसायनिकता रिक्त अभिक्रिया $2A + B \rightarrow C + D$ में तीन पृथक प्रयोगों में $298\, K$ पर निम्न गतिक आंकड़े प्राप्त किये गये:

प्रारम्भिक सांद्रण

$(A)$

प्रारम्भिक सांद्रण

$(A)$

$C$ बनने की प्रारम्भिक दर (मोल $L ^{-1} S ^{-1}$ )

$0.1\,M$ $0.1\,M$ $1.2\times 10^{-3}$
$0.1\,M$ $0.2\,M$ $1.2\times 10^{-3}$
$0.2\,M$ $0.1\,M$ $2.4 \times 10^{-3}$

अभिक्रिया के लिये $C$ बनने का दर नियम होगा:

  • [JEE MAIN 2014]

किसी अभिक्रियक के लिए एक अभिक्रिया द्वितीय कोटि की है। अभिक्रिया का वेग  कैसे प्रभावित होगा; यदि अभिक्रियक की सांद्रता-

$(i)$ दुगुनी कर दी जाए $(ii)$ आधी कर दी जाए

दो प्रतिदर्शो की अर्द्ध-आयु $ 0.1$ एवं $0.4$ सेकण्ड है। उनकी सापेक्षिक सान्द्रता क्रमश: $ 200$ एवं $50$  है। अभिक्रिया की कोटि क्या है।

अभिक्रिया $CC{l_3}CHO + NO \to CHC{l_3} + NO + CO$ की दर देने वाला समीकरण है दर $ = K\,[CC{l_3}CHO]\,[NO]$ यदि सान्द्रतायें मोल/लीटर में प्रदर्शित की जायें तो $K$ की इकाइयाँ होंगी