दुर्बल अम्ल के लिए असत्य कथन है

  • A

    इसका वियोजन स्थिरांक निम्न है

  • B

    इसका $p{K_a}$ बहुत निम्न है

  • C

    यह आंशिक वियोजित होता है

  • D

    इसके सोडियम लवण का विलयन जल में क्षारीय होता है

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$25\,^o C$ पर क्षार $BOH  $ का वियोजन स्थिरांक $1.0 \times {10^{ - 12}}$ है क्षार के $0.01 \,M $ जलीय विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयनों की सान्द्रता होगी

  • [AIPMT 2005]

$298\,K$  पर $C{H_3}COOH$ का $0.1\,M$  विलयन $1.34\%$ आयनीकृत होता है। एसीटिक अम्ल के लिये आयनन स्थिरांक ${K_a}$ होगा

फीनॉल का आयनन स्थिरांक $1.0 \times 10^{-10}$ है। $0.05 \,M$ फीनॉल के विलयन में फीनॉलेट आयन की
सांद्रता तथा $0.01 \,M$ सोडियम फीनेट विलयन में उसके आयनन की मात्रा ज्ञात कीजिए।

$0.1\, M$  विलयन में एक दुर्बल अम्ल $ 0.1\%$ आयनित होता है इसका $ pH$ है

स्थिर दाव पर एक ऊष्मारोधी वीकर (insulated beaker) में $100 \ mL HCl (1.0 \ M )$ को $100 \ mL \ NaOH (1.0 \ M )$ के साथ मिश्रित करने पर वीकर तथा उसकी अन्तर्वस्तुओं का तापमान $5.7^{\circ} C$ बढ जाता है (प्रयोग $1$)। प्रवल अम्ल के साथ प्रवल क्षारक की उदासीनीकरण (neutralization) ऐन्थैल्पी एक नियतांक $\left(-57.0 kJ \ mol ^{-1}\right)$ होने के कारण इस प्रयोग का उपयोग कैलोरीमीटर स्थिरांक (calorimeter constant) को मापने में किया जा सकता है। एक दूसरे प्रयोग (प्रयोग $2$) में $100 \ mL$ ऐसीटिक अम्ल $\left(2.0 \ M , K _{ a }=2.0 \times 10^{-5}\right)$ को $100 \ mL \ NaOH (1.0 \ M )$ के साथ मिश्रित करने पर (प्रयोग 1 की समरूप अवस्था में) $5.6^{\circ} C$ तापमान वृद्धि मापित की गयी।

(सभी विलयनों की ऊप्मा धारिता $4.2 J g ^{-1} K ^{-1}$ तथा सभी विलयनों का घनत्व $1.0 \ g mL ^{-1}$ है)

$1.$ प्रयोग $2$ से प्राप्त ऐसीटिक अम्ल की वियोजन ऐन्थैल्पी (dissociation enthalpy) $(kJ \ mol$-$1$ में) है

$(A)$ $1.0$ $(B)$ $10.0$ $(C)$ $24.5$ $(D)$ $51.4$

$2.$ प्रयोग $2$ के पश्चात विलयन का $pH$ है

$(A)$ $2.8$ $(B)$ $4.7$ $(C)$ $5.0$ $(D)$ $7.0$

इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$

  • [IIT 2015]