यदि${a_r}$ तथा ${a_t}$त्रिज्यीय तथा स्पर्शरेखीय त्वरण है, तब कण एक समान वृत्तीय गति करेगा यदि

  • A

    ${a_r} = 0$ तथा ${a_t} = 0$

  • B

    ${a_r} = 0$ किंतु ${a_t} \ne 0$

  • C

    ${a_r} \ne 0$ किंतु ${a_t} = 0$

  • D

    ${a_r} \ne 0$ तथा ${a_t} \ne 0$

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किसी घूर्णन करने वाली वस्तु का रेखीय वेग $\mathop v\limits^ \to = \mathop \omega \limits^ \to \times \mathop r\limits^ \to ,$ से दिया जाता है जहाँ $\mathop \omega \limits^ \to $ कोणीय वेग तथा $\overrightarrow {\,\;r} $ त्रिज्यीय सदिश है। यदि $\mathop \omega \limits^ \to = \hat i - 2\hat j + 2\hat k$ तथा $\mathop r\limits^ \to = 4\hat j - 3\hat k,$ है तो $|\mathop v\limits^ \to |$ है

एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है।  यदि कोणीय वेग वही रहे किन्तु त्रिज्या आधी कर दें, तो नया बल होगा

कोई वायुयान $900\, km h ^{-1}$ की एकसमान चाल से उड़ रहा है और $1.00\, km$ त्रिज्या का कोई क्षैतिज लूप बनाता है । इसके अभिकेंद्र त्वरण की गुरुत्वीय त्वरण के साथ तुलना कीजिए |

नीचे दर्शाये चित्र में $M$ द्रव्यमान की एक वस्तु $R$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर एकसमान चाल से गति कर रही है। ${P_1}$ से ${P_2}$ तक जाने में त्वरण में परिवर्तन होगा

एकसमान वृत्तीय गति में, वेग सदिश तथा त्वरण सदिश होते हैं