यदि वस्तु का संवेग $0.01\%$ बढ़ा दिया जाये तो इसकी गतिज ऊर्जा बढ़ ........... $\%$ जायेगी

  • A

    $0.01$

  • B

    $0.02$

  • C

    $0.04$

  • D

    $0.08$

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एक नियत बल के प्रभाव में गतिशील $m$ द्रव्यमान की वस्तु के द्वारा विराम से गति प्रारम्भ कर $s$ दूरी तय करने में प्राप्त गतिज ऊर्जा समानुपाती होती है

$M$ द्रव्यमान के एक रेत से भरे बोरे को रस्सी द्वारा लटकाया गया है। $m$ द्रव्यमान की एक गोली $v$ वेग से इससे टकराकर इसमें धँस जाती है। इस प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा में हानि होगी

निम्नलिखित का उत्तर ध्यानपूर्वक, कारण सहित दीजिए :

$(a)$ किन्हीं दो बिलियर्ड-गेंदों के प्रत्यास्थ संघट्ट में, क्या गेंदों के संघट्ट की अल्पावधि में ( जब वे संपर्क में होती हैं) कुल गतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है ? 

$(b)$ दो गेंदों के किसी प्रत्यास्थ संघट्ट की लघु अवधि में क्या कुल रेखीय संवेग संरंक्षित रहता है ?

$(c)$ किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट के लिए प्रश्न $(a)$ व $(b)$ के लिए आपके उत्तर क्या हैं ?

$(d)$ यदि दो बिलियर्ड-गेंदों की स्थितिज ऊर्जा केवल उनके केंद्रों के मध्य, पृथक्करण-दूरी पर निर्भर करती है तो संघट्ट प्रत्यास्थ होगा या अप्रत्यास्थ ? (ध्यान दीजिए कि यहाँ हम संघट्ट के दौरान बल के संगत स्थितिज ऊर्जा की बात कर रहे हैं, ना कि गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा की )

बतलाइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य। अपने उत्तर के लिए कारण भी दीजिए।

$(a)$ किन्हीं दो पिंडों के प्रत्यास्थ संघट्ट में, प्रत्येक पिंड का संवेग व ऊर्जा संरक्षित रहती है।

$(b)$ किसी पिंड पर चाहे कोई भी आंतरिक व बाह्य बल क्यों न लग रहा हो, निकाय की कुल ऊर्जा सर्वदा संरक्षित रहती है।

$(c)$ प्रकृति में प्रत्येक बल के लिए किसी बंद लूप में, किसी पिंड की गति में किया गया कार्य शून्य होता है।

$(d)$ किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट में, किसी निकाय की अंतिम गतिज ऊर्जा, आरंभिक गतिज ऊर्जा से हमेशा कम होती है ।

$m$ द्रव्यमान की एक वस्तु $r$ त्रिज्या के वृत्त में नियत चाल $​v$ से गति कर रही है। वस्तु पर आरोपित बल $\frac{{m{v^2}}}{r}$ है तथा यह वृत्त के केन्द्र की ओर लगता है। इस बल के द्वारा परिधि पर अर्द्ध-चक्र पूर्ण करने में किया गया कार्य होगा