एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में $ I = 100\, sin\, 200\, \pi t $ द्वारा दर्शायी जाती है। इस परिपथ में धारा शून्य से बढ़कर उसके शिखर मान तक पहुंचने में लगा समय है
$\frac{1}{{100}}sec$
$\frac{1}{{200}}sec$
$\frac{1}{{300}}sec$
$\frac{1}{{400}}sec$
एक प्रत्यावर्ती धारा का मान $I = I _{1} \sin \omega t + I _{2} \cos \omega t$ से दिया गया है। एक तप्त तार धारामापी, धारा का पाठयांक देगा।
किसी परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान $423\,volts$ है तो उसका प्रभावी विभवान्तर ......... $volts$ होगा
किसी परिपथ में धारा का मान समीकरण $i = 2\sqrt t $ द्वारा अभिव्यक्त होता है। $t = 2$ से $t = 4s$ के बीच धारा का वर्गमाध्य मूल मान क्या होगा
यदि $i = {t^2}$ ;$0 < t < T$ तब धारा का $r.m.s$ मान है
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में सामान्यत: