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चित्र में दिखाए गए पात्र में ऊपर की ओर एक घर्षणरहित चल पिस्टन लगा है। पात्र तथा पिस्टन सभी ताप अवरोधी पदार्थ से निर्मित हैं, जिससे पात्र के अन्दर तथा बाहर ऊर्जा का आदान प्रदान संभव नहीं है। पात्र को एक ऊष्मा चालक पदार्थ से बने हुए दृढ़ विभाजक पटल द्वारा दो भागों में बॉटा गया है जिससे ऊष्मा का क्षीण प्रवाह संभव है। पात्र का निचला भाग एक आदर्श एक.परमाणविक (monatomic) गैस के $2$ मोल से, जिसका ताप $700 \ K$ है, से भरा हुआ है। पात्र का ऊपरी भाग एक द्विपरमाणविक गैस (diatomic) के $2$ मोल से, जिसका तापमान $400 \ K$ है, से भरा हुआ है। गैस की प्रतिमोल ऊष्मा धारिता आदर्श एक-परमाणविक गैस के लिए क्रमश: $C_V=\frac{3}{2} R, C_P=\frac{5}{2} R$ तथा आदर्श द्विपरमाणविक गैस के लिए क्रमश: $C_V=\frac{5}{2} R, C_P=\frac{7}{2} R$ हैं।
$1.$ यदि विभाजनक पटल पात्र से दृढ़ता से जुड़ा है, तब साम्यावस्था में आने पर गैसों का अन्तिम तापमान होगा।
$(A)$ $550 \ K$ $(B)$ $525 \ K$ $(C)$ $513 \ K$ $(D)$ $490 \ K$
$2.$ अब मान लीजिए कि विभाजक पटल घर्षणहीन गति के लिए स्वतंत्र है, जिससे दोनों भागों में गैस का दबाव समान है। गैसों द्वारा साम्यावस्था में पहुँचने तक किया गया कुल कार्य होगा।
$(A)$ $250 \ R$ $(B)$ $200 \ R$ $(C)$ $100 \ R$ $(D)$ $-100 \ R$
इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$

$(D,D)$
$(A,C)$
$(B,D)$
$(B,C)$
Solution
Let final temperature of gases is $T$
Heat rejected by gas in lower compartment $\left( nC _{ v } \Delta T\right)=2 \times \frac{3}{2} R(700- T )$
Heat received by gas in above compartment $\left( n _p \Delta T \right)=2 \times \frac{7}{2} R(T-400)$
Equating above
$2100-3 T =7 T -2800$
$\Rightarrow T =490 K$