एक गोलाकार संधारित्र की धारिता $1\,\mu F$ है। यदि इसके दोनों गोलों के मध्य की दूरी $1\,mm$ है, तो बाह्य गोले की त्रिज्या होगी

  • A

    $30cm$

  • B

    $6m$

  • C

    $5cm$

  • D

    $3m$

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एक गोलीय संधारित्र में बाहरी गोले की त्रिज्या $R$ है। बाहरी और भीतरी गोलों की त्रिज्याओं का अन्तर $x$ है, तो उसकी धारिता समानुपाती है

$C$ धारिता की $n$ बूँदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है, तो बड़ी बूँद में संचित ऊर्जा तथा प्रत्येक छोटी बूँद की ऊर्जा का अनुपात होगा

एक संधारित्र की दो प्लेटों पर विभव क्रमश: $+10\,V$ एवं $-10\,V$ है। यदि एक प्लेट पर आवेश $40\,C$ है तो संधारित्र की धारिता .......$F$ होगी

त्रिज्या $R_1$ वाले एक एकाकी चालक गोले की धारिता $n$ गुना हो जाती है, जब इसे $R _2$ त्रिज्या वाले, पृथ्वी से जुड़े हुए एक समकेन्द्रीय चालक गोले के अंदर रखा जाता है। उनकी त्रिज्याओं का अनुपात $\left(\frac{ R _2}{ R _1}\right)$ है:

  • [JEE MAIN 2022]

एक सूक्ष्म गोला जिस पर आवेश ‘$q$ ’ है, इसे दो समान्तर प्लेटों के मध्य $L$ लंबाई की डोरी से चित्रानुसार लटकाया गया है। पेण्डुलम का आवर्तकाल ${T_0}$ है। जब समान्तर प्लटों को आवेशित कर दिया जाये तो आवर्तकाल $T$ हो जाता है। $T/{T_0}$ अनुपात होगा