उस अण्डे को जिसमें अण्डे के प्रत्येक भाग का भविष्य निश्चित होता है, कहते हैं
क्लीडॉइक अण्डा
नॉन-क्लीडॉइक अण्डा
मोसेज अण्डा
रेगूलेटिव अण्डा
मनुष्य में भू्रणीय झिल्ली की संख्या होती है
जायगोट के चौथे व छटवें विदलन में
तंत्रिका कोषिका, मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु अथवा केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र भ्रूण के किस स्तर से विकसित होते हैं
अण्डाणु का कार्य है
पीयूष ग्रन्थि उत्पत्ति होती है