मुक्त आकाश के एक क्षेत्र में विद्युत क्षेत्र दिया जाता हैं $\overrightarrow{ E }= E _{ o } \hat{i}+2 E _{ o } \hat{j}$ जहाँ $E _{0}=100 \;N / C$ । $Y - Z$ तल के समान्तर $0.02 \;m$ त्रिज्या के वृत्तीय पृष्ठ से गुजरने पर इस विद्युत क्षेत्र का फ्लक्स लगभग हैं :
$0.125\,Nm^2/C$
$0.02\,Nm^2/C$
$0.005\,Nm^2/C$
$3.14\,Nm^2/C$
चित्र में दर्शाए अनुसार $10 \,cm$ भुजा के किसी वर्ग के केंद्र से ठीक $5\, cm$ ऊँचाई पर कोई $+10 \mu C$ आवेश रखा है। इस वर्ग से गुजरने वाले वैध्यूत फ्लक्स का परिमाण क्या है? (संकेत : वर्ग को $10 \,cm$ किनारे के किसी घन का एक फलक मानिए।)
निम्न चित्र में गॉसियन सतह $A$ द्वारा घेरे गये आवेशों के कारण इससे निर्गत फ्लक्स होगा (दिया है $q_1$ = $-14 \,nC$, $q_2$ = $78.85 \,nC$, $q_3$ = $-56 \,nC$)
$2 \mathrm{~L} \times 2 \mathrm{~L} \times \mathrm{L}$ विमा वाले एक घनाभ के पृष्ठ ' $\mathrm{S}$ ' जिसका क्षेत्रफल $4 \mathrm{~L}^2$ हैं, के केन्द्र पर $q$ आवेश रखा है। ' $\mathrm{S}$ ' के विपरीत पृष्ठ से गुजरने वाला फ्लक्स है:
एक आवेश $Q$ को एक घन के किनारे पर रखा जाता है। इसकी प्रत्येक फलक से निकलने वाला वैधुत फ्लक्स होगा :
एक धातु के गोले को दो विपरीत आवेशित पद्वियों के बीच में रखा जाता है. रेखा-क्षेत्रों का सही चित्रण निम्न में से किस चित्र में प्रदर्शित है?