एक धातु के गोले को दो विपरीत आवेशित पद्वियों के बीच में रखा जाता है. रेखा-क्षेत्रों का सही चित्रण निम्न में से किस चित्र में प्रदर्शित है?
चित्रानुसार एक अनंत लंवाई के एकसमान आवेशित सीधे तार, जिसका रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ है, को $y-z$ तल में $y$-अक्ष के समांतर $z=\frac{\sqrt{3}}{2} a$ दूरी पर रखा गया है। यदि इसके विधुत क्षेत्र का $x-y$ तल में स्थित मूल विंदु पर केन्द्रित $A B C D$ आयताकार सतह से होकर जाने वाला फ्लक्स ( $\varepsilon_0=$ परावैद्युतांक का परिमाण) $\frac{\lambda L }{ n \varepsilon_0}$ है. तब $n$ का मान है।
किसी काले बॉक्स के पृष्ठ पर विध्यूत क्षेत्र की सावधानीपूर्वक ली गई माप यह संकेत देती है कि बॉक्स के पृष्ठ से गुजरने वाला नेट फ्लक्स $8.0 \times 10^{3}\, Nm ^{2} / C$ है।
$(a)$ बॉक्स के भीतर नेट आवेश कितना है?
$(b)$ यद् बॉंक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी फ्लक्स शून्य है तो क्या आप यह निष्कर्ष निकालेंगे कि बॉक्स के भीतर कोई आवेश नहीं है? क्यों, अथवा क्यों नहीं?
एक घन जिसकी भुजा $l$ है, को एकसमान विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है जबकि है। इस घन से निकलने वाले फ्लक्स का मान होगा
किसी अनन्त समतल आवेशित चादर के सामने $d$ दूरी पर एक आवेश $+Q$ स्थित है। विद्युत बल रेखाओं का सही चित्रण होगा
पानी से भरे एक गोले के अन्दर एक विद्युत द्विध्रुव उत्तर-दक्षिण दिशा में रखा जाता है। कौनसा कथन सत्य है