चाबी भरी हुई घड़ी की स्प्रिंग में संरक्षित ऊर्जा है
गतिज ऊर्जा
स्थितिज ऊर्जा
ऊष्मीय ऊर्जा
रासायनिक ऊर्जा
किसी स्प्रिंग से भार लटकाने पर उत्पन खिंचाव $x$ हो, तो संचित ऊर्जा का मान होगा, (यदि स्प्रिंग का तनाव $T$ एवं स्प्रिंग नियतांक $K$ हो)
एक ऊर्ध्व स्प्रिंग मेज़ से खड़ा जोड़ा हुआ है। इसका बल नियतांक $k$ है। द्रव्यमान $m$ के एक गोले को स्प्रिंग के मुक्त सिरे के ठीक ऊपर से ऊँचाई $h$ से गिराने पर स्प्रिंग दूरी $d$ से पिचक जाता है। इस प्रक्रम में हुआ शुद्ध कार्य होगा
जब $1.0 kg$ द्रव्यमान को $50 cm$ लम्बाई की स्प्रिंग से लटकाया जाता है, तो स्प्रिंग $2 cm$ खिंच जाती है। यदि द्रव्यमान को तब तक नीचे खींचा जाये जब तक कि स्प्रिंग $60 cm$ लम्बी न हो जाये तो इस स्थिति में स्प्रिंग में संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा ............ $\mathrm{Joule}$ होगी (यदि $g = 10\;m/s)$
$10 \,N/m$ बल नियतांक के एकस्प्रिंग में प्रारम्भिक खिंचाव $0.20 \,m $ है, तो खिंचाव को $0.25 \,m$ करने में स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि......जूल होगी
दो समान प्रकार कि स्प्रिंग $P$ तथा $Q$ जिनके स्प्रिंग नियतांक $K_P$ तथा $K_Q$ हैं तथा $K_P > K_Q$ . प्रथम बार (स्थित $a$ में) दोनों को समान लम्बाई में तथा दूसरी बार (स्थति $b$ में ) समान बल से खींचा जाता है। यदि इन दोनों स्प्रिंगों द्वारा किये गये कार्य क्रमशः $W_P$ तथा $W_Q$ हों तो स्थिति $(a)$ तथा $(b)$ में इनके बीच संबन्ध क्रमशः होंगे