किसी गैसीय अभिक्रिया की दर निम्न पद द्वारा दी जाती है $K\,[A]\,[B]$ यदि अभिक्रिया पात्र का आयतन इसके प्रारम्भिक आयतन से अचानक $\frac{1}{4}$ भाग कम कर दिया जाता है तो वास्तविक दर के सम्बन्ध में अभिक्रिया दर का मान होगा
$1\over10$
$1\over8$
$8$
$16$
दी गई अभिक्रिया के लिए निम्नलिखित आँकड़ों पर विचार कीजिए।
$2 \mathrm{HI}_{(\mathrm{g})} \rightarrow \mathrm{H}_{2(\mathrm{~g})}+\mathrm{I}_{2(\mathrm{~g})}$ अभिक्रिया का क्रम है. . . . . . . |
$1$ | $2$ | $3$ | |
$\mathrm{HI}\left(\mathrm{mol} \mathrm{L}^{-1}\right)$ | $0.005$ | $0.01$ | $0.02$ |
Rate $\left(\mathrm{mol} \mathrm{L}^{-1} \mathrm{~s}-1\right)$ | $7.5 \times 10^{-4}$ | $3.0 \times 10^{-3}$ | $1.2 \times 10^{-2}$ |
कुछ द्विआण्विक अभिक्रियायें जो प्रथम कोटि अभिक्रिया का अनुसरण करती हैं, कहलाती हैं
डाईमेथिल ईथर वेफ अपघटन से $CH _{4}, H _{2}$ तथा $CO$ बनते हैं। इस अभिक्रिया का वेग निम्न समीकरण द्वारा दिया जाता है-
वेग $=k\left[ CH _{3} OCH _{3}\right]^{3 / 2}$
अभिक्रिया के वेग का अनुगमन बंद पात्रा में बढ़ते दाब द्वारा किया जाता है, अतः वेग समीकरण को डाईमेथिल ईथर के आंशिक दाब के पद में भी दिया जा सकता है। अतः
वेग $=k\left(p_{ CH _{3} OCH _{3}}\right)^{3 / 2}$
$2 NO ( g )+ Cl _{2}( g ) \rightleftharpoons 2 NOCl ( s )$
इस अभिक्रिया का $-10^{\circ} C$ पर अध्ययन कर निम्न आंकडें प्राप्त हुए
प्रेक्षण | $[ NO ]_{0}$ | $\left[ Cl _{2}\right]_{0}$ | $r _{0}$ |
$1$ | $0.10$ | $0.10$ | $0.18$ |
$2$ | $0.10$ | $0.20$ | $0.35$ |
$3$ | $0.20$ | $0.20$ | $1.40$ |
$[ NO ]_{0}$ तथा $\left[ Cl _{2}\right]_{0}$ आरंभिक सान्द्रतायें हैं तथा $r _{0}$ आरंभिक अभिक्रिया दर है। अभिक्रिया की सम्पूर्ण कोटि है.............। (निकटतम पूर्णांक में)
अभिक्रिया $A + B \longrightarrow$ उत्पाद, के लिए यह प्रेक्षित किया गया कि:-
$(1)$ मात्रा $A$ की प्रारम्भिक सान्द्रता दुगुना करने पर, अभिक्रिया दर भी दुगुनी हो जाती है तथा
$(2)$ $A$ तथा $B$ दोंनों की ही प्रारम्भिक सान्द्रता दुगुना कर देने पर, अभिक्रिया की दर में $8$ गुना परिवर्तन हो जाता है। इस अभिक्रिया की दर निम्न द्वारा दी जायेगी: