दो वृत्ताकार कुण्डलियों को चित्रानुसार तीन स्थितियों में व्यवस्थित किया जा सकता है। उनका अन्योन्य प्रेरकत्व होगा

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  • [IIT 2001]
  • A

    स्थिति $(A)$ में अधिकतम 

  • B

    स्थिति  $(B)$ में अधिकतम

  • C

    स्थिति $(C)$ में अधिकतम

  • D

    सभी स्थितियों में

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दो कुण्डलियों के स्वप्रेरण $2\, mH$ तथा $8\, mH$ हैं। दोनों को इतना नजदीक रखा गया कि पहली कुण्डली का चुम्बकीय फ्लक्स दूसरी से भी लिंक हो सके। तो इनके बीच अन्त: प्रेरण ......$  mH$ है :

  • [AIPMT 2006]

$dc$ मोटर में प्रेरित वि. वा. बल अधिकतम होगा जबकि

$\mathrm{R}_{1}$ तथा $\mathrm{R}_{2}$ त्रिज्याओं की दो चालकीय वृत्तीय लूप एक तल में समकेन्द्रित रखी है। यदि $\mathrm{R}_{1}\,>\,>\,\mathrm{R}_{2}$ तो उनके मध्य पारस्परिक प्रेरकत्व $'\mathrm{M}'$ समानुपाती होता है :

  • [NEET 2021]

दो कुण्डलियाँ $'P'$ तथा $' Q '$ कुछ दूरी पर रखी हैं। जब कुण्डली $'P'$ में $3 \,A$ की धारा प्रवाहित होती है तो कुण्डली $'Q'$ से $10^{-3}\, Wb$ का चुम्बकीय फ्लक्स गुजरता है। $'Q'$ में कोई धारा नहीं है। जब ' $P$ ' में कोई धारा नहीं है तथा $'Q'$ से $2\, A$ धारा प्रवाहित होती है, तो $'P'$ से गुजरने वाला फ्लक्स होगा।

  • [JEE MAIN 2019]

जब एक कुण्डली में बहने वाली धारा $0.1$ सैकण्ड में $10$ ऐम्पियर से शून्य कर दी जाती है तो नजदीक रखी दूसरी कुण्डली में $100$ मिली वोल्ट का वि. वा. बल प्रेरित होता है। दोनों कुण्डलियों के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मान ......मिली हेनरी होगा