दो कुण्डलियाँ $'P'$ तथा $' Q '$ कुछ दूरी पर रखी हैं। जब कुण्डली $'P'$ में $3 \,A$ की धारा प्रवाहित होती है तो कुण्डली $'Q'$ से $10^{-3}\, Wb$ का चुम्बकीय फ्लक्स गुजरता है। $'Q'$ में कोई धारा नहीं है। जब ' $P$ ' में कोई धारा नहीं है तथा $'Q'$ से $2\, A$ धारा प्रवाहित होती है, तो $'P'$ से गुजरने वाला फ्लक्स होगा।

  • [JEE MAIN 2019]
  • A

    $6.67 \times {10^{ - 3}}\,Wb$

  • B

    $6.67 \times {10^{ - 4}}\,Wb$

  • C

    $3.67 \times {10^{ - 4}}\,Wb$

  • D

    $3.67 \times {10^{ - 3}}\,Wb$

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निम्न ग्राफ में शिखर मान $1\,A$ एवं $200 \,rd/sec$ आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा को दर्शाया गया है। यह प्रत्यावर्ती धारा ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक में आरोपित की जाती है, यदि प्राथमिक एवं द्वितीयक के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक $1.5 \,H$ तब द्वितीयक में प्रेरित वि. वा. बल.....$V$ होगा

दो वृत्ताकार कुण्डलियों के केन्द्र एक ही बिन्दु पर स्थित हैं। दोनों का अन्योन्य प्रेरकत्व $(Mutual inductance)$ तब अधिकतम होगा, जब दोनों के अक्ष परस्पर

प्रेरण कुण्डली किस सिद्धांत पर कार्य करती है

यदि किसी कुण्डली में  $0.01 \,A$ का धारा परिवर्तन, दूसरी कुण्डली के चुम्बकीय फ्लक्स में $1.2 \times {10^{ - 2}}\,Wb$ का परिवर्तन करता है, तो दोनों कुण्डलियों के अन्योन्य प्रेरकत्व का मान हेनरी में.....$H$ है

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