दो वृत्ताकार कुण्डलियों के केन्द्र एक ही बिन्दु पर स्थित हैं। दोनों का अन्योन्य प्रेरकत्व $(Mutual inductance)$ तब अधिकतम होगा, जब दोनों के अक्ष परस्पर
समान्तर हों
$60^o$ के कोण पर हों
$45^o$ के कोण पर हों
$90^o$ के कोण पर हों
${L_1}$ और ${L_2}$ स्वप्रेरकत्व वाली दो कुण्डलियों को एक दूसरे के निकट रखा जाता है कि सम्पूर्ण फ्लक्स एक दूसरे के साथ सम्बन्धित रहते हैं, यदि अन्योन्य प्रेरकत्व गुणांक $M$ है तो $M$...
प्रेरण कुण्डली किस सिद्धांत पर कार्य करती है
एक प्रेरण कुण्डली का अन्योन्य प्रेरकत्व $5\,H$ है। यदि प्राथमिक कुण्डली में ${10^{ - 3}}\,s$ में धारा $5\,A$ से घटकर शून्य हो जाती है। द्वितीयक कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल का मान .......$V$ होगा
दो कुण्डलियों के स्वप्रेरण $2\, mH$ तथा $8\, mH$ हैं। दोनों को इतना नजदीक रखा गया कि पहली कुण्डली का चुम्बकीय फ्लक्स दूसरी से भी लिंक हो सके। तो इनके बीच अन्त: प्रेरण ......$ mH$ है :
जब एक कुण्डली में बहने वाली धारा $0.1$ सैकण्ड में $10$ ऐम्पियर से शून्य कर दी जाती है तो नजदीक रखी दूसरी कुण्डली में $100$ मिली वोल्ट का वि. वा. बल प्रेरित होता है। दोनों कुण्डलियों के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मान ......मिली हेनरी होगा