समान द्रव्यमान तथा समान त्रिज्या $R$ के दो गोले परस्पर स्पर्श करते हुए रखे जाते हैं। इनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल समानुपाती होगा
$R$ के
${R^2}$ के
${R^4}$ के
उपरोक्त मे से कोई नहि
भूमध्य रेखा पर प्रभावी गुरुत्वीय त्वरण का मान शून्य होने के लिए, पृथ्वी का कोणीय वेग क्या होना चाहिए (पृथ्वी की त्रिज्या अपनी अक्ष के परित: $ = 6400$ किमी एवं $g = 10$ मीटर/सैकण्ड ${^2}$
दो ग्रह सूर्य का चक्कर लगा रहे हैं। परिक्रमण काल एवं माध्य कक्षीय त्रिज्यायें क्रमश: ${T_1},\,{T_2}$ तथा ${r_1},\,{r_2}$ हैं। अनुपात${T_1}/{T_2}$ का मान है
दूर अन्तरिक्ष में ${M_0}$ द्रव्यमान तथा ${D_0}$ व्यास का एक गोलीय ग्रह है। m द्रव्यमान का एक कण इस ग्रह के पास स्वतंत्र रूप से गिरता है, तो कण में गुरुत्व के कारण त्वरण होगा
पृथ्वी तल से एक प्रक्षेप्य को आकाश में ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर $kv{_e}$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है (यहाँ ${v_e}$पलायन वेग है, एवं $k < 1$)। यदि वायु घर्षण को नगण्य मानें तो प्रक्षेप्य पृथ्वी के केन्द्र से कितनी अधिकतम ऊँचार्इ तक पहँुचेगा (R = पृथ्वी की त्रिज्या)
विषुवत रेखा पर स्थित किसी वस्तु के भारहीन प्रतीत होने के लिये पृथ्वी की कोणीय चाल क्या होनी चाहिये
$(g = 10\,m/{s^2},\,\,R = 6400\,km)$