जब किसी पिण्ड को भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर ले जाया जाता है तो इसका भार
स्थिर रहता है
बढ़ता है
घटता है
उत्तरी ध्रुव पर बढ़ता है तथा दक्षिणी ध्रुव पर घटता है
क्योंकि गुरुत्वीय त्वरण का मान बढ़ जायेगा।
पृथ्वी तल पर गुरूतीय त्वरण $\mathrm{g}$ है। यदि द्रव्यमान रखकर पृथ्वी की त्रिज्या प्रारम्भिक मात्र से आधी कर दी जाये तब पृथ्वी तल पर गुरूत्वीय त्वरण कितना होगा :
यदि $\mathrm{h} < < \mathrm{R}$ (पृथ्वी की त्रिज्या), पृथ्वी से $\mathrm{h}$ ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण होगा:
निम्नलिखित में से सही कथन छाँटिए : ‘एक उपग्रह में घूमने वाले अंतरिक्ष यात्री की भारहीनता की स्थिति है’
किसी ग्रह की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी की तुलना में एक चौथाई है। यदि पीतल की एक गेंद को उस ग्रह पर ले जाया जाए तो निम्न कथन असत्य है
पृथ्वी के केन्द्र से $r$ दूरी पर स्थित बिन्दु पर गुरुत्वजनित त्वरण का मान $g$ है। यदि $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है तथा $r < R$ है, तब
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