निम्न में से कौनसा कथन : “वास्तविक संख्या या तो परिमेय है या अपरिमेय” के तार्किक समतुल्य है
यदि संख्या ना तो परिमेय और ना ही अपरिमेय है तब यह वास्तविक नहीं होगी
यदि संख्या परिमेय नहीं है या अपरिमेय नहीं है, तब यह वास्तविक नहीं है
यदि संख्या वास्तविक नहीं है तब यह ना तो परिमेय और ना ही अपरिमेय है
यदि संख्या वास्तविक है तब यह या तो परिमेय होगी या अपरिमेय
मान लें कि $p, q, r$ धनात्मक परिमेय संख्याएं इस प्रकार हैं कि $\sqrt{p}+\sqrt{q}+\sqrt{r}$ भी परिमेय हैं. तब
$“2 + 3 = 5$ एवं $8 < 10”$ की नकारात्मकता है
$\mathrm{r} \in\{\mathrm{p}, \mathrm{q}, \sim \mathrm{p}, \sim \mathrm{q}\}$ के मानों, जिनके लिए $((p \wedge q) \Rightarrow(r \vee q)) \wedge((p \wedge r) \Rightarrow q)$ एक पुनरूक्ति है, की संख्या है
माना
$p$ : रमेश संगीत सुनता है
$q$ : रमेश अपने गाँव से बाहर है
$r$ : आज रविवार है।
$s$ : आज शनिवार है
तो कथन “रमेश संगीत सुनता है केवल यदि वह अपने गाँव में है तथा आज रविवार या शनिवार है" को किस से व्यक्त कर सकते है ?
कथन $\sim p \wedge( p \vee q )$ का निषेध है :