- Home
- Standard 11
- Physics
ताप $T$ पर एक आदर्श द्विपरमाणुक गैस के $N$ मोल एक सिलिण्डर में भरे हुए हैं। मान लीजिए गैस को ऊष्मा देने पर इसका ताप नियत रहता है परंतु गैस के $n$ मोल परमाणुओं में टूट जाते हैं गैस को दी गई ऊष्मा है
शून्य
$\frac{1}{2}nRT$
$\frac{3}{2}nRT$
$\frac{3}{2}(N - n)RT$
Solution
(b) चूँकि पात्र बन्द है, इसलिए गैस का आयतन नियत रहेगा। अत: किया गया कार्य शून्य होगा। इसका अर्थ है कि गैस को दी गई सम्पूर्ण ऊष्मा केवल आन्तरिक ऊर्जा बढ़ाने में प्रयुक्त होती है।
गैस की प्रारम्भिक आन्तरिक ऊर्जा ${U_1} = N\,\left( {\frac{5}{2}R} \right)\,T$
चूँकि गैस के $n$ मोल परमाणुओं में टूट जाते है इसलिए गर्म करने के पश्चात् पात्र में $(N – n)$ मोल द्विपरमाणु गैस के एवं $2n$ मोल एकपरमाणुक गैस के उपस्थित होंगे। अत: गर्म करने के पश्चात् गैस की कुल आन्तरिक ऊर्जा
${U_2} = (N – n)\left( {\frac{5}{2}R} \right)\,T + 2n\,\left( {\frac{3}{2}R} \right)\,T$$ = \frac{5}{2}\,NRT + \,\frac{1}{2}nRT$
अत: दी गई ऊष्मा = आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि
$ = \,({U_2} – {U_1})\, = \,\frac{1}{2}\,nRT$