एक अर्द्धवृत्तीय वलय का उसके केन्द्र से होकर जाने वाले तथा उसके तल के लम्बवत् अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण होगा

  • A

    $MR^{2}$

  • B

    $\frac{{M{R^2}}}{2}$

  • C

    $\frac{{M{R^2}}}{4}$

  • D

    उपरोक्त में से कोई नहीं

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$20\,gm,\,30\,gm$ एवं $50\,gm$ द्रव्यमान वाले तीन कणों के वेग क्रमश: $10\,\hat i,\,\,10\hat j$ एवं $\,10\,\hat k$ हैं। इन तीन कणों के द्रव्यमान-केन्द्र का वेग है

बलयुग्म उत्पन्न करता है

एक पहिये पर लगने वाला नियत बल आघूर्ण इसके कोणीय संवेग को $4$ सैकण्ड में $A0$ से $4A_0$ कर देता है, तो बल आघूर्ण का परिमाण होगा

लोहे एवं एल्यूमीनियम का उपयोग करके एक वृत्तीय चकती इस प्रकार बनायी जाती है कि इसका जड़त्व आघूर्ण इसकी ज्यामितीय अक्ष के परित: अधिकतम हो, तो इसके लिए

$R$ त्रिज्या तथा $9M$ द्रव्यमान की एक वृत्तीय चकती से $R/3$ त्रिज्या की एक छोटी चकती काटी जाती है। चकती के तल के लम्बवत् तथा $O$ से गुजरने वाली अक्ष के परित: शेष चकती का जड़त्व आघूर्ण होगा