एक कण की स्थिति $ \overrightarrow {r\,} = (\hat i + 2\hat j - \hat k) $ एवं संवेग $ \overrightarrow P = (3\hat i + 4\hat j - 2\hat k) $ द्वारा प्रदर्शित होते हैं। कोणीय संवेग लम्बवत् है
$X- $ अक्ष के
$Y-$ अक्ष के
$Z-$ अक्ष के
उस रेखा के, जो सभी अक्षों से समान कोण बनाती है
$m$ द्रव्यमान का एक कण किसी तल में त्रिज्या $r$ के वृत्तीय पथ पर घूम रहा है। इसका कोणीय संवेग $L$ है। कण पर लगने वाले अभिकेन्द्रीय बल का मान होगा
$2 \; kg$ द्रव्यमान का एक कण, किसी चिकने क्षैतिज मेज पर स्थित है तथा $0.6 \; m$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर गति कर रहा है। भू-तल से मेज की ऊँचाई $0.8 \; m$ है। यदि कण की कोणीय चाल $12 \; rad s ^{-1}$ हो तो, वृत्त के केन्द्र के ठीक नीचे भू-तल पर किसी बिन्दु के परितः, इस कण का कोणीय संवेग का परिमाण होगा :
द्रव्यमान $M=0.2 kg$ का एक कण आरंभ में $x y$-समतल के एक बिन्दु $( x =-l, y =-h)$ पर विरामावस्था में है, जहाँ $l=10 m$ तथा $h=1 m$ हैं। समय $t =0$ पर कण को $a =10 m / s ^2$ के नियत त्वरण (constant acceleration) से धनात्मक $x$-अक्ष की दिशा में त्वरित किया जाता है। मूल बिन्दु के सापेक्ष, कण के कोणीय संवेग (angular momentum) तथा बल आघूर्ण (torque) SI इकाई में क्रमशः $\overrightarrow{ L }$ और $\vec{\tau}$ से परिभाषित हैं। $\hat{ i }, \hat{ j }$ तथा $\hat{ k }$ क्रमश: धनात्मक $x, y$ और $z$-अक्षों की दिशाओं में इकाई सदिशें (unit vectors) हैं। यदि $\hat{ k }=\hat{ i } \times \hat{ j }$, तो निम्न में से कौन सा (से) कथन सत्य है (हैं)?
$(A)$ समय $t =2 s$ पर कण बिन्दु $(x-l, y--h)$ पर पहुँचता है
$(B)$ $\vec{\tau}=2 \hat{ k }$, जब कण बिन्दु $(x=1, y=-h)$ से गुजरता है
$(C)$ $\overrightarrow{ L }=4 \hat{ k }$, जब कण बिन्दु $(x=l, y=-h)$ से गुजरता है
$(D)$ $\vec{\tau}=\hat{ k }$, जब कण बिन्दु $(x-0, y-h)$ से गुजरता है
चित्र में भुजा $'a'$ का वर्ग $x-y$ तल में हैं। $m$ द्रव्यमान का एक कण एकसमान गति, $v$ से इस वर्ग की भुजा पर चल रहा है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया हैं।
निम्न में से कौन-सा कथन, इस कण के मूलबिंदु के गिर्द कोणीय आघूर्ण $\vec{L}$ के लिये, गलत है?
एक पतली एकसमान छड़ बिन्दु $O$ पर कीलकित है और क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से घूम रही है (चित्र देखिये)। $t=0$ पर एक छोटा कीड़ा $O$ से चलना शुरू करके छड़ के अंतिम सिरे $t=T$ समय पर पहुँच कर रूक जाता है। कीड़ा छड़ के सापेक्ष एकसमान चाल $v$ से चलता है। निकाय की कोणीय चाल पूरे समय $\omega$ बनी रहती है। $O$ के परित: निकाय पर लगने वाले बल-आघूर्ण का मान (| $\vec{\tau} \mid)$ समय के साथ जिस प्रकार बदलता है उसका सर्वोत्तम वर्णन किस ग्राफ में है?