प्रारम्भ में विराम स्थिति से दो कण $A$ व $B$ एक दूसरे की तरफ, परस्पर आकर्षण बल के कारण गति करते हैं। जब $A$ की चाल $v$ तथा $B$ की चाल $2v$ है, उस क्षण निकाय के द्रव्यमान केन्द्र की चाल है
शून्य
$v$
$1.5v$
$3v$
एक पतली वृत्ताकार प्लेट, जिसका द्रव्यमान $1\,kg$ तथा व्यास $0.2\,m$ है, का इसके किसी व्यास के परित: जड़त्व आघूर्ण होगा
एक ठोस गोला, चकती तथा ठोस बेलन, नतसमतल पर विराम से नीचे लुढ़कना प्रारम्भ करते हैं, तीनों वस्तुयें समान पदार्थ तथा समान द्रव्यमान की हैं। तब
एक $r$ त्रिज्या व $m$ द्रव्यमान की वलय किसी अक्ष, जो इसके केन्द्र से गुजरती है तथा इसके तल के लम्बवत् है, के परित: $ \omega $ कोणीय वेग से घूर्णन कर रही है। इसकी गतिज ऊर्जा होगी
एक पहिये पर लगने वाला नियत बल आघूर्ण इसके कोणीय संवेग को $4$ सैकण्ड में $A0$ से $4A_0$ कर देता है, तो बल आघूर्ण का परिमाण होगा
$R$ त्रिज्या तथा $9M$ द्रव्यमान की एक वृत्तीय चकती से $R/3$ त्रिज्या की एक छोटी चकती काटी जाती है। चकती के तल के लम्बवत् तथा $O$ से गुजरने वाली अक्ष के परित: शेष चकती का जड़त्व आघूर्ण होगा