$6$ किग्रा द्रव्यमान एवं $40$ सेमी त्रिज्या का एक पहिया (रिम) $300$ चक्कर प्रति मिनट की दर से घूम रहा है। पहिये के घूर्णन की गतिज ऊर्जा होगी
$48\pi^2$ जूल
$48$ जूल
$48\pi$ जूल
$ \frac{{48}}{\pi } $ जूल
एक $m$ द्रव्यमान तथा $r$ त्रिज्या की रिंग केन्द्र से गुजरने वाले अक्ष के लम्बवत् घूमती है। इसका कोणीय वेग $\omega$ है। इसकी गतिज ऊर्जा होगी
त्रिज्या $R$ का एक समान वलय एक क्षैतिज सतह पर गति $v$ से चलते हुए $h$ ऊँचाई के एक ढाल जो कि $30^{\circ}$ कोण पर झुकी हुई है पर चढ़ता है. पूरी गति के दौरान वलय कहीं भी फिसलता नहीं है. तब $h$ का मान होगा
$ 10 $ किग्रा द्रव्यमान एवं $ 0.5 $ मीटर त्रिज्या की एक वलय अपने व्यास के परित: $ 20 $ रेडियन/सै के वेग से घूर्णन कर रही है। इसकी गतिज ऊर्जा .......... $J$ है
किसी घूर्णक (रोटर) की $200\, rad s ^{-1}$ की एकसमान कोणीय चाल बनाए रखने के लिए एक इंजन द्वारा $180$ $N m$ का बल आघूर्ण प्रेषित करना आवश्यक होता है । इंजन के लिए आवश्यक शक्ति ज्ञात कीजिए ।
(नोट : घर्षण की अनुपस्थिति में एकसमान कोणीय वेग होने में यह समाविष्ट है कि बल आघूर्ण शून्य है । व्यवहार में लगाए गए बल आघूर्ण की आवश्यकता घर्षणी बल आघूर्ण को निरस्त करने के लिए होती है ।) यह मानिए कि इंजन की दक्षता $100 \%$ है।
एक गेंद बिना फिसले लुढ़कती है। इसके द्रव्यमान-केंद्र से गुजरने वाले अक्ष के परित: गाइरेशन त्रिज्या $K$ है। यदि गेंद की त्रिज्या $R$ हो तो इसकी घूर्णन ऊर्जा के साथ जुड़ी कुल ऊर्जा का अंश होगा