एक घन के अन्दर $e$ परिमाण के आवेश वाले $8$ द्विध्रुव रखे हैं। घन से निर्गत कुल विद्युत फ्लक्स का मान होगा
$\frac{{8e}}{{{\varepsilon _0}}}$
$\frac{{16e}}{{{\varepsilon _0}}}$
$\frac{e}{{{\varepsilon _0}}}$
शून्य
प्रदर्शित चित्र में, $\mathrm{E}=2 \mathrm{x}^2 \hat{\mathrm{i}}-4 \mathrm{y} \hat{\mathrm{j}}+6 \hat{\mathrm{k}} \mathrm{N} / \mathrm{C}$ वैद्युत क्षेत्र में एक घनाभ स्थित है। घनाभ के अन्दर आवेश का परिणाम $\mathrm{n} \in_0 \mathrm{C}$ है। $\mathrm{n}$ का मान (यदि घनाभ की विमाएँ $1 \times 2 \times 3$ मी $^3$ है) हैं।
किसी काले बॉक्स के पृष्ठ पर विध्यूत क्षेत्र की सावधानीपूर्वक ली गई माप यह संकेत देती है कि बॉक्स के पृष्ठ से गुजरने वाला नेट फ्लक्स $8.0 \times 10^{3}\, Nm ^{2} / C$ है।
$(a)$ बॉक्स के भीतर नेट आवेश कितना है?
$(b)$ यद् बॉंक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी फ्लक्स शून्य है तो क्या आप यह निष्कर्ष निकालेंगे कि बॉक्स के भीतर कोई आवेश नहीं है? क्यों, अथवा क्यों नहीं?
चित्रानुसार एक स्थिरवैद्युत क्षेत्र रेखा, बिन्दु आवेश $q_1$ से कोण $\alpha$ पर निकलती है तथा बिन्दु आवेश $-q_2$ से कोण $\beta$ पर मिलती है। यहाँ $q _1$ तथा $q _2$ दोनों धनात्मक हैं। यदि $q _2=\frac{3}{2} q _1$ तथा $\alpha=30^{\circ}$, तब
$5 \mathrm{Q}$ तथा $-2 \mathrm{Q}$ के दो आवेश क्रमशः बिन्दु $(3 \mathrm{a}, 0)$ तथा $(-5 \mathrm{a}, 0)$ पर स्थित हैं। ' $4 \mathrm{a}$ ' त्रिज्या तथा मूल बिन्दु पर स्थित केन्द्र वाले गोले से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स है:
$R$ त्रिज्या की वृत्तीय चकती पृष्ठीय आवेश घनत्व $\sigma( r )=\sigma_0\left(1-\frac{ r }{ R }\right)$, ग्रहण किये हुये है, जहाँ $\sigma_0$ एक नियतांक है तथा $r$ चकती के केन्द्र से दूरी है। एक बड़ी गोलीय सतह जो आवेशित चकती को पूर्णत: परिबद्ध करती है, से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स $\phi_0$ है। $\frac{ R }{4}$ त्रिज्या वाली तथा चकती के साथ संकेन्द्रित एक अन्य गोलीय सतह से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स $\phi$ है। तब अनुपात $\frac{\varphi_0}{\varphi}$ का मान. . . . . है।