किसी एकवर्णी प्रकाश पुंज की आवृत्ति $v=\frac{3}{2 \pi} \times 10^{12}\, Hz$ है और वह $\frac{\hat{i}+\hat{j}}{\sqrt{2}}$ दिशा में गतिमान है। उसकी ध्रुवण की दिशा $\hat{k}$ है। उसके चुम्बकीय क्षेत्र का स्वीकार्य स्वरूप होगा
$\frac{{{E_0}}}{C}\left( {\frac{{\hat i - \hat j}}{{\sqrt 2 }}} \right)\cos \left[ {{{10}^4}\left( {\frac{{\hat i - \hat j}}{{\sqrt 2 }}} \right)\cdot \vec r - \left( {3 \times {{10}^{12}}} \right)t} \right]$
$\frac{{{E_0}}}{C}\left( {\frac{{\hat i - \hat j}}{{\sqrt 2 }}} \right)\cos \left[ {{{10}^4}\left( {\frac{{\hat i + \hat j}}{{\sqrt 2 }}} \right)\cdot \vec r - \left( {3 \times {{10}^{12}}} \right)t} \right]$
$\frac{{{E_0}}}{C}\hat k\cos \left[ {{{10}^4}\left( {\frac{{\hat i + \hat j}}{{\sqrt 2 }}} \right)\cdot \vec r + \left( {3 \times {{10}^{12}}} \right)t} \right]$
$\frac{{{E_0}}}{C}\frac{{\left( {\hat i + \hat j + \hat k} \right)}}{{\sqrt 3 }}\cos \left[ {{{10}^4}\left( {\frac{{\hat i + \hat j}}{{\sqrt 2 }}} \right)\cdot \vec r + \left( {3 \times {{10}^{12}}} \right)t} \right]$
एक विधुत चुम्बकीय तरंग में विधुत क्षेत्र $E =(50$ $\left.NC ^{-1}\right) \sin \omega( t - x / c )$ द्वारा दिया जाता है। आयतन $V$ के एक बेलन में सम्मिलित ऊर्जा $5.5 \times 10^{-12} \,J$ है। $V$ का मान $......\,cm ^{3}$ है।
(दिया है $\left.\epsilon_{0}=8.8 \times 10^{-12}\, C ^{2} \,N ^{-1} \,m ^{-2}\right)$
मुक्त आकाश में एक विद्युत चुम्बकीय तरंग का विद्युत क्षेत्र $\overrightarrow{\mathrm{E}}=\mathrm{E}_0 \cos (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kz}) \hat{\mathrm{i}}$ द्वारा प्रदर्शित किया गया है। संगत चुम्बकीय क्षेत्र सदिश होगा :
$20\, cm ^{2}$ क्षेत्रफल के किसी अपरावर्ती पृष्ठ पर $20\, W / cm ^{2}$ औसत फ्लक्स के साथ प्रकाश अभिलम्बवत आपतन करता है। $1$ मिनट की समयावधि में इस पृष्ठ पर प्राप्त की गयी ऊर्जा $............J$ है
विद्युत-चुम्बकीय तरंग में विद्युत क्षेत्र का मान $1 V/m$ है एवं तरंग की आवृत्ति $5 \times {10^{14}}\,Hz$ है। तरंग का संचरण $z-$ अक्ष के अनुदिश होता है तो विद्युत क्षेत्र की औसत ऊर्जा घनत्व $Joule/m^3$ में होगी
$500\, MHz$ आवत्ति की कोई समतल विधुतचुम्बकीय तरंग, निर्वात में $y$-अक्ष के अनुदिश गति कर रही है। मुक्त आकाश के किसी विशिष्ट बिन्दु पर, $\overrightarrow{ B }$ का मान $8.0 \times 10^{-8} \, \hat{ Z T}$ है। इस बिन्दु पर विधुत क्षेत्र का मान होगा। (प्रकाश की चाल $=3 \times 10^{8}\, ms ^{-1}$ ) $\hat{ x }, \hat{ y }, \hat{ z }$ क्रमशः $x , y , z$ दिशा के अनुदिश एकांक सदिश हैं।